जयप्रकाश एसोसिएट्स अपने सीमेंट, क्लिंकर और बिजली संयंत्र डालमिया भारत की सहायक इकाई डालमिया सीमेंट को 5,666 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर बेचने जा रही है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में इसकी घोषणा की।
इस सौदे से डालमिया की सीमेंट उत्पादन क्षमता में 94 लाख टन का इजाफा हो जाएगा। उसकी क्लिंकर क्षमता 67 लाख टन और ताप बिजली क्षमता 280 मेगावाट बढ़ जाएगी। जेपी के ये संयंत्र मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हैं।
जेपी एसोसिएट्स के कार्यकारी चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स कर्ज का बोझ घटाने और ऋणदाताओं का बकाया चुकाने का अपना वादा पूरा करने के लिए सक्रियता से कदम उठा रही है।’
डालमिया ने कहा कि इस अधिग्रहण से उसे मध्य भारत में पांव जमाने में मदद मिलेगी और वित्त वर्ष 2027 में 7.5 करोड़ टन क्षमता तथा वित्त वर्ष 2031 तक 11 से 13 करोड़ टन क्षमता के साथ देश की प्रमुख सीमेंट कंपनी बनने के लक्ष्य की दिशा में यह महत्त्वपूर्ण कदम है।
डालमिया ने कहा कि देश भर में प्रति व्यक्ति सीमेंट खपत के मामले में मध्य क्षेत्र सबसे पीछे है और देश की कुल सीमेंट मांग की 15 फीसदी ही इस क्षेत्र से आती है। इस क्षेत्र की 5.4 करोड़ टन की मांग मध्यम अवधि में 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। इस क्षेत्र में शीर्ष 5 कंपनियों का 75 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा है।
जेपी एसोसिएट्स ने कहा कि 2014 और 2017 में उसने अल्ट्राटेक सीमेंट को 2 करोड़ टन सालाना क्षमता से ज्यादा के सीमेंट संयंत्र बेचे थे। 2015 में उसने डालमिया सीमेंट को 20 लाख टन क्षमता की सीमेंट इकाई में बहुलांश हिस्सेदारी बेची थी।
ऋणदाताओं का बकाया कर्ज चुकाने और अन्य मुख्य कारोबार पर ध्यान देने के मकसद से जेपी एसोसिएट्स ने सीमेंट कारोबार से पूरी तरह निकलने का निर्णय किया था। कंपनी ने कहा, ’94 लाख टन सालाना क्षमता वाली सीमेंट इकाई को डालमिया सीमेंट (भारत) के हाथ बेचने के साथ ही हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में विश्वसनीय कामकाज का प्रदर्शन कर जयप्रकाश एसोसिएट्स देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र के भरोसेमंद संगठन के तौर पर अपनी साख और मजबूत करेगी। गौड़ ने कहा, ‘डालमिया समूह के साथ वर्तमान सौदा एक बार फिर जेपी समूह की संपत्ति की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।’
विश्लेषकों ने कहा कि डालमिया उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश (मध्य क्षेत्र) के उच्च विकास वाले और नए बाजारों में प्रवेश कर रहा है, जिससे दक्षिण और पूर्व के मौजूदा बाजारों पर ही उसकी निर्भरता नहीं रहेगी। इस सौदे के साथ ही घरेलू बाजार में डालमिया की सीमेंट उत्पादन क्षमता मौजूदा 3.7 करोड़ टन से बढ़कर 4.8 करोड़ टन और वित्त वर्ष 2024 में 6 करोड़ टन हो जाएगी। वित्त वर्ष 2025 तक उसकी कुल क्षमता श्री सीमेंट की 5.6 करोड़ टन सालाना उत्पादन क्षमता से अधिक हो जाएगी।
हालांकि विश्लेषकों ने आगाह किया है कि डालमिया अब लगभग कर्ज मुक्त होने से शुद्ध ऋण कंपनी में बदल सकती है। लेकिन उसका एबिटा और शुद्ध ऋण अनुपात अभी भी 2 गुना से नीचे रह सकता है। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अधिग्रहीत संपत्ति की चूना पत्थर खदानों की शेष अवधि सीमित हो सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि मध्य क्षेत्र में प्रिज्म, हीडलबर्ग और बिड़ला कॉर्प जैसी कंपनियों के लिए यह सौदा थोड़ा असर डाल सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में डालमिया, जेके सीमेंट और अगले 3 वर्षों में जेएसडब्ल्यू सीमेंट के प्रवेश तथा अगले दो साल में एसीसी तथा अल्ट्राटेक के क्षमता विस्तार से यह बाजार काफी प्रतिस्पर्धी हो सकता है।
यह सौदा जांच-परख और आवश्यक सांविधिक मंजूरी पर निर्भर करेगा, जिसमें कंपनी के ऋणदाता और संयुक्त उपक्रम साझेदार तथा नियामक प्राधिकरणों की मंजूरी भी लेनी होगी।
जयप्रकाश का शेयर 10 फीसदी बढ़त के साथ 11.75 रुपये पर बंद हुआ। डालमिया सीमेंट का शेयर 3.3 फीसदी लाभ के साथ 1,905 रुपये पर बंद हुआ।