क्रेडिट सुइस ने विभिन्न क्षेत्रों की प्राथमिकता को लेकर अहम बदलाव का ऐलान किया है। ब्रोकरेज ने आईटी पर अपना रुख ओवरवेट से तटस्थ कर लिया है और इसके लिए उच्च मूल्यांकन व अपेक्षाकृत सुस्त रफ्तार की भविष्यवाणी का हवाला दिया है। फर्म ने हेल्थकेयर पर अपना रुख ओरवेट से अंडरवेट कर लिया है। इस बीच, बैंंकिंग शेयरोंं को लेकर उसका रुख तेजी का हो गया है, जो इस साल पिछड़ता रहा है।
नीलकंठ मिश्रा की अगुआई में क्रेडिट सुइस के रणनीतिकारों ने कहा है, 37 फीसदी उछाल के बाद सापेक्षिक पीई अब साल 2013 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर है और आगे का लाभ बढ़त पर निर्भर रह सकता है जो शायद ही 10-12 फीसदी के दायरे से बाहर निकलने सकता है। जून में ब्रोकरेज का रुख कम पीई का हवाला देते हुए आईटी पर तेजी का हो गया था। आईटी क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसने वित्त वर्ष 2021 व वित्त वर्ष 2022 के लिए आय में अपग्रेड देखा है। क्रेडिट सुइस ने कहा कि ऐसे बेहतर प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
ब्रोकरेज ने हेल्थकेयर पर अपना रुख अंडरवेट करने की वजह साइक्किकल व स्ट्रक्चरल चिंताओं को बताया। ब्रोकरेज ने कहा, भारतीय दवा कंपनियों के कारोबारी मॉडल में बदलाव हुआ है, जो बढ़त को बरकरार रखने के लिए जरूरी तो है लेकिन इससे कम मल्टीपल ही मिल सकता है।
क्रेडिट सुइस का रुख बैंकोंं को लेकर तेजी का हो गया है क्योंंकि उसका मानना है कि इस क्षेत्र की दोबारा रेटिंग हो सकती है और आगे आय में भी अपग्रेड हो सकता है। ब्रोकरेज ने कहा, बैंकों पर हमारा नजरिया मजबूती के साथ ओवरवेट का है। निजी व पीएसयू बैंक ऐसे क्षेत्र हैं जिनकी रेटिंग इस साल घटी है। आने वाले समय में उन्हें दोबारा रेटिंग का फायदा मिल सकता है और आय भी अपग्रेड होगी।
