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सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी कोल इंडिया (Coal India) ने 28,125 करोड़ रुपये का सर्वाधिक कर-बाद लाभ (PAT) दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 62 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी को ऊंचे उत्पादन और कोयले की बिक्री में तेजी की वजह से दमदार मुनाफा दर्ज करने में मदद मिली है।
चौथी तिमाही के दौरान कंपनी का लाभ 18 प्रतिशत तक घटकर 5,528 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने कहा है कि उसे चौथी तिमाही में पारिश्रमिक से संबंधित प्रावधान खर्च बढ़ने से दबाव का सामना करना पड़ा।
कोल इंडिया ने एक सार्वजनिक बयान में कहा है, ‘CIL को बढ़ती लागत के बावजूद पिछले पांच वर्षों के मुकाबले अपनी कोयला कीमतें सीमित रखने के बाद भी मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली है। हालांकि कंपनी को प्रावधान में तेजी की वजह से बढ़ती पारिश्रमिक लागत का सामना करना पड़ा।’
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कंपनी की शुद्ध बिक्री चौथी तिमाही के साथ साथ पूरे वित्त वर्ष 2023 में मजबूत रही। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में शुद्ध बिक्री 35,161 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2022 की समान तिमाही के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक है। कंपनी बोर्ड ने 7 मई को हुई बैठक में 4 रुपये प्रति शेयर का लाभांश (Dividend) देने का भी निर्णय लिया है। इससे पहले दो बार में कंपनी 20.25 रुपये का कुल लाभांश भुगतान पहले ही कर चुकी है।
पिछले साल कोल इंडिया ने 70.3 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया था। कंपनी ने अब इसे बढ़ाकर 78 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है। ईंधन आपूर्ति समझौते (FSA) के तहत कोयले की बिक्री वित्त वर्ष 2023 की मार्च तिमाही में बढ़कर 16.745 करोड़ टन हो गई।