त्योहारी सीजन लगभग दस्तक दे चुका है। ओणम और रक्षाबंधन के बाद लोगों की नजर अब धनतेरस और दीवाली पर है। इन त्योहारों को भुनाने के लिए उद्योग जगत भी जोरशोर से तैयारी में जुट गया है। कंपनियां इस दौरान उपहार के लिए तमाम पेशकश के साथ ग्राहकों के त्योहारी जश्न में चार चांद लगाने के लिए तैयार हैं।
बेंगलूरु की कॉरपोरेट उपहार कंपनी रेगलोस के संस्थापक एवं सीईओ नंद कुमार ने कहा, ‘भले ही दीवाली आने में अभी काफी समय बचा है, मगर कॉरपोरेट त्योहारी उपहार के लिए पूछताछ पहले ही शुरू हो चुकी है।’
चेन्नई की उपहार क्यूरेटर द स्टाइल सैलड की सह-संस्थापक श्वेता रमण ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास 500 से 700 डिब्बों के साथ कॉरपोरेट उपहार के लिए काफी ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं। हमारा मानना है कि बड़े त्योहारों के नजदीक आते ही इस प्रकार के ऑर्डर में केवल वृद्धि होगी।’
यह ऐसा पहला त्योहारी सीजन है जो वैश्विक महामारी की छाया से पूरी तरह मुक्त है। उपहार क्यूरेटरों का मानना है कि इस साल त्योहारी उपहार के लिए कंपनियों का जोर टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों पर दिख रहा है।
कुमार ने कहा, ‘लोगों के रुझान में स्पष्ट बदलाव दिख रहा है। आज हर कोई टिकाऊ उत्पादों पर जोर दे रहा है। इस साल कंपनियों की पसंद भी वैसी ही दिख रही है।’ इस साल केवल हैम्पर में उत्पाद रखने का मामला नहीं है बल्कि काफी सोच-समझकर उसकी सोर्सिंग और उत्पादन किया जाता है।
द स्टाइल सैलड को इक्विटास स्मॉल फाइनैंस बैंक और बासमती चावल ब्रांड डबल डियर जैसी कंपनियों से ऐसे ऑर्डर भी मिले हैं जहां उपहार पैकेट में प्लांटर्स एवं सकलेंट्स को शामिल करने का भी अनुरोध किया गया है। प्लास्टिक उत्पादों की जगह बांस के दीयों ने ले ली है। इसी प्रकार टेराकोटा दीयों की जगह लकड़ी के टी लाइट होल्डर ने ले ली है।
रमण ने कहा, ‘कंपनियां हरसंभव प्लास्टिक से बचना चाहती हैं। साथ ही वे चाहती हैं कि उत्पादों का विभिन्न उपयोग हो सके और उनका उपयोग यादगार के रूप में भी किया जा सके। इसलिए हम बीजों के साथ कलम जैसी चीजें शामिल कर रहे हैं जिन्हें बाद में बोया जा सकता है। डू-इट-योरसेल्फ (डीआईवाई) प्लांटर किट भी जबरदस्त मांग है।’
इस साल पैकेजिंग को भी कहीं अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर जोर है। कंपनियां सामान पैक करने के लिए प्लास्टिक का उपयोग करने के बजाय कार्डबोर्ड बक्से और फीते का चयन कर रही हैं। कुमार ने कहा कि उपहार देने के लिए इस साल तंदुरुस्ती वाले उत्पादों पर भी जोर दिख रहा है।
जयपुर के स्नैकिंग ब्रांड ईट बेटर कंपनी के लिए भी ऑर्डर मिल रहे हैं। कंपनी पहले एमेजॉन, लेनोवो और वीजा जैसी तमाम कंपनियों के लिए उपहार तैयार करने का काम कर चुकी है। ईट बेटर कंपनी की सह-संस्थापक विदुषी कजारिया ने कहा, ‘लोग अब इस बात के प्रति अधिक सचेत हैं कि वे क्या खा रहे हैं।
कंपनियां अब स्वस्थ स्नैकिंग को कहीं अधिक गंभीरता से ले रही हैं। हमने हेजलनट, चॉकलेट लड्डू और वनिला एवं कोको लड्डू जैसे स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स का उत्पादन बढ़ा दिया है। इन उत्पादों में बादाम और काजू के अलावा मीठे के लिए गुड़ का उपयोग किया जाता है।’
प्रीमियम चाय ब्रांड वाहदम इंडिया को उम्मीद है कि आगामी त्योहारी सीजन के दौरान उपहार श्रेणी में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा दिखेगी। वाहदम इंडिया की संस्थापक एवं सीईओ बाला शारदा ने कहा, ‘हम उपहार देने वाले उत्पादों की जबरदस्त मांग देख रहे हैं। इनमें लूज-लीफ वाले चाय सेट एवं ऐक्सेसरीज शामिल हैं। दीवाली और क्रिसमस के अवसर पर उपहार देने के लिए ये उत्पाद काफी लोकप्रिय हैं।’
नए साल के त्योहारी मौसम- अमेरिका में क्रिसमस और हैलोवीन- में भी इस ब्रांड के उत्पादों की जबरदस्त मांग दिखती है। इस दौरान लोगों को नए उत्पादों का पता लगाने में मदद मिलती है जो इस मामले में प्रीमियम चाय है। भारतीय बाजार में इसी साल उतरने वाली ऑस्ट्रेलिया की खुदरा कंपनी अंको इंडिया के कंट्री हेड पुलकित बंसल ने कहा कि भारतीय उपहार बाजार में सालाना आधार पर 50 फीसदी की वृद्धि दिख रही है जिसे ऑनलाइन स्टोरों से रफ्तार मिल रही है। इस बाजार की तीन प्रमुख
श्रेणियां हैं जिनमें कॉरपोरेट उपहार (15 फीसदी), त्योहारी उपहार (30 फीसदी) और व्यक्तिगत उपहार (55 फीसदी) शामिल हैं।