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Byju’s के शेयरहोल्डर्स ने EGM में CEO बैजू रवींद्रन को हटाने के पक्ष में किया वोट, मगर इस वजह से नहीं माना जाएगा फैसला

Byju's crisis: EGM में लिए गए शेयरहोल्डर्स के निर्णय को कंपनी ने मानने से इनकार कर दिया है और कहा है कि फाउंडर्स की अनुपस्थिति में कराई गई वोटिंग अमान्य (invalid) है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- February 23, 2024 | 7:52 PM IST

संकट के दौर से गुजर सही एडटेक कंपनी Byju’s की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड की करफ से आज यानी 23 फरवरी को बुवाई गई आम बैठक (EGM) में शेयरहोल्डर्स ने फाउंडर बैजू रवींद्रन (Byju Raveendran) को CEO पद से हटाने के पक्ष में वोट किया है। EGM में 60 फीसदी शेयरहोल्डर्स ने बैजू रवींद्रन के खिलाफ वोट किया।

Byju’s के कुछ चुनिंदा निवेशकों ने CEO रवींद्रन पर दमन और कुप्रबंधन (mismanagement and failures) का आरोप लगाया है। हालांकि, आज बुलाई गई EGM में लिए गए निर्णय को कंपनी ने मानने से इनकार कर दिया है और कहा है कि फाउंडर्स की अनुपस्थिति (absense) में कराई गई वोटिंग अमान्य (invalid) है। बता दें, Byju’s के बोर्ड में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं।

जिन छह निवेशकों ने EGM बुलाया था, उनमें से एक नीदरलैंड की फर्म प्रोसस (Prosus) भी शामिल थी। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक Prosus ने कहा, ‘शेयरधारकों ने मत के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। वोटिंग में बैजूस में संचालन, फाइनैंशियल मिसमैनेजमेंट और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध, बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स का फिर से गठन और कंपनी के नेतृत्व में बदलाव शामिल है।’

लागू नहीं होगा शेयरहोल्डर्स का फैसला

आज की EGM में भले ही रवींद्रन को हटाने का फैसला लिया गया हो, मगर कंपनी ने इसे अमान्य बताया है। इसकी वजह यह भी है कि EGM बुलाए जाने पर उसमें जरूरी कोरम नहीं हुआ तो ऐसे में एजेंडा पर चर्चा या वोटिंग को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। ऐसे में अब इस मसले को लेकर निवेशकों को 13 मार्च तक का इंतजार करना होगा। उसके बाद ही बैठक का फैसला लागू होगा या नहीं, इसपर फैसला लिया जा सकेगा।

13 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

दरसअल, कर्नाटक हाईकोर्ट 13 मार्च को EGM बुलाने के कुछ शेयरहोल्डर्स के कदम को चुनौती देने वाली बैजू रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा।

हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को Byju’s में 32 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शेयरहोल्डर्स की ओर से सामूहिक रूप से बुलाई गई EGM पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। लेकिन उसने यह भी कहा था कि बैठक में पारित कोई भी प्रस्ताव अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा।

First Published : February 23, 2024 | 7:23 PM IST