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बिज़नेस स्टैंडर्ड
  कंपनियां  कारोबारी नतीजे
कंपनियां

कारोबारी नतीजे

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —May 2, 2008 11:04 PM IST0
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पिछले कारोबारी साल की आखिरी तिमाही के जारी 673 कंपनियों के नतीजों के मुताबिक इन कंपनियों का शुध्द लाभ इस दौरान 20.8 फीसदी बढ़ा है।


ये आंकड़े इसके पहले की दो तिमाहियों के नतीजों से बेहतर रहे हैं। लेकिन सेक्टरों में मिलाजुला रुख देखा गया है। 20 सेक्टरों में से 11 सेक्टरों का प्रदर्शन इसके पहले की दो तिमाहियों से बेहतर रहा है। देखते हैं इनमें से कुछ सेक्टरों का हाल।


इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी


मार्च 2008 को खत्म हुई तिमाही में टेक्नोलॉजी कंपनियों की कमाई में 24.5 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि इनके शुध्द मुनाफे में 15 फीसदी की बढ़त रही है। कमाई और लाभ में यह इजाफा साल की बाकी तीन तिमाहियों की तुलना में सबसे कम रहा है।


इन कंपनियों में यह मंदी सब प्राइम संकट से जूझ रहे बैंकिंग, फाइनेंस, सर्विसेस और इंश्योरेंस सेक्टर (बीएफएसआई) से होने वाली कमाई घटने की वजह से रही है। इन आईटी कंपनियों ने अपने उत्पादन लागत का प्रबंधन अच्छी तरह से किया है और चौथी तिमाही में इन कंपनियों ने 24.5 फीसदी की कमाई में बढ़त के मुकाबले सैलरी के मद में केवल 20.6 फीसदी का इजाफा किया है।


इन्फोसिस


चौथी तिमाही में इंफोसिस के रेवन्यू में 20.4 का इजाफा रहा जबकि दूसरी और तीसरी तिमाही में यह 20 फीसदी से कम रहा था। इस दौरान इसका शुध्द मुनाफा केवल 9.1 फीसदी की दर से बढ़ा जबकि बाकी तीन तिमाहियों में ये 20 फीसदी से ज्यादा था। इस रेवन्यू में अमेरिकी बाजार की हिस्सेदारी भी इस दौरान तीसरी तिमाही के 62.3 फीसदी से घटकर 60.7 फीसदी रह गई।


बीएफएसआई सेक्टर का खराब प्रदर्शन की वजह से ये गिरावट रही हालांकि यूरोप और बाकी देशों से इसकी कमाई बढ़ी है। कंपनी को चौथी तिमाही में 45 करोड़ का फॉरेक्स नुकसान हुआ।


विप्रो


विप्रो का कंसॉलिडेटेड ऑपरेटिंग रेवन्यू 32.2 फीसदी की दर से बढ़ा है, इसमें ग्लोबल आईसी सेवाओं में 26 फीसदी की ग्रोथ, इंफोटेक में 41 फीसदी और कंज्यूमर केयर ऐंड लाइटिंग डिवीजन में 111 फीसदी की बढ़त का भी हाथ रहा है। लेकिन स्टाफ और उनकी सैलरी बढ़ने के अलावा रुपये की कीमत चढ़ने से कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन 2.10 फीसदी की गिरावट रही है।


टीसीएस


टीसीएस के रेवन्यू में चौथी तिमाही में क्वार्टर ऑन क्वार्टर आधार पर 2.9 फीसदी की ग्रोथ रही है और सालाना आधार पर 21.5 फीसदी की। लेकिन तिमाही दर तिमाही के आधार पर इसके शुध्द मुनाफे में 5.6 फीसदी की कमी आई है लेकिन सालाना आधार पर ये 12 फीसदी बढ़ा है।


सत्यम


सत्यम का रेवन्यू तिमाही दर तिमाही के आधार पर 10 फीसदी बढ़ा है जबकि चौथी तिमाही में इसका वॉल्यूम 8.8 फीसदी बढ़ा है। सालाना आधार पर इसके रेवन्यू में 35.8 फीसदी की ग्रोथ रही है जो पिछली तीन तिमाहियों से ज्यादा है।


फार्मास्यूटिकल्स


मार्च 2008 को खत्म हुई तिमाही में 18 फ र्मास्यूटिकल्स फर्मों ने 17.9 प्रतिशत ग्रोथ रेट के साथ एग्रीगेट सेल में अच्छा प्रदर्शन कि या है। हालांकि यह दिसम्बर 2007 को समाप्त हुई तिमाही के 19.3 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा कम है।


नेट प्रॉफिट में 23.6 प्रतिशत की वृध्दि हुई है लेकिन पिछली तिमाही में 3.5 प्रतिशत का घाटा लगा था। एलेम्बिक, सिपला, ग्लेनमार्क फार्मा, पीरामल हेल्थकेयर और अंकुर ड्रग्स ने सेक्टर सेल्स ग्रोथ में बेहतरीन प्रदर्शन किया है जबकि रैनबेक्सी लेबोरेट्रीज और बहुराष्ट्रीय कंपनी ग्लेक्सोस्मिथ क्लाइन फार्मा ने सेल्स में सिंगल सिंगल डिजिट ग्रोथ में निराशाजनक प्रदर्शन किया।


ग्लेनमार्क फार्मा पीरामिल हेल्थकेयर और अंकुर डग्स ने 100 प्रतिशत से ऊपर का शुध्द लाभ कमाकर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। ग्लेक्सो का शुध्द लाभ सिंगल डिजिट ग्रोथ के साथ बढ़ा जबकि वहीं रैनबेक्सी के शुध्द लाभ में 10 प्रतिशत का घाटा हुआ है।


रैनबेक्सी लैब


रैनबेक्सी ने सेल्स में 4 प्रतिशत का साधारण लाभ दर्ज किया वहीं इसके प्रॉफिट में 7 प्रतिशत की वृध्दि दर्ज हुई। रुपये की चढ़ती कीमतों और रोमानिया और अन्य यूरोपीय बाजारों में मंदी के कारण सेल्स ग्रोथ में कोई खास इजाफा नहीं हो पाया। हालांकि बेहतर उत्पाद और मार्केट मिक्स के साथ ही 80 करोड़ रुपये के फारवर्ड गेन्स के कारण इसके ऑपरेटिंग मार्जिन्स के में 2.96 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।


ग्लेनमार्क


ग्लेनमार्क की बिक्री में 44 प्रतिशत की वृध्दि देखी गई। इसका  मुख्य कारण प्रमुख क्षेत्रों में चहुमुखी विकास होना रहा हालांकि लैटिन अमेरिका में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। कंपनी को तिमाही के दौरान  फोरेस्ट लैब से आउट लाइसेंसिंग रेवेन्यू के बदले 150 लाख डॉलर की राशि मिली।


सिप्ला


मार्च 2008 को समाप्त हुई तिमाही में सिप्ला ने घरेलू बिक्री में 13 प्रतिशत तथा एक्सपोर्ट रेवेन्यू में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की। ऑपरेटिंग इनकम जिसमें की टेक्नोलॉजी फीस भी शामिल है में 29 प्रतिशत की वृध्दि हुई हालांकि पिछली दो तिमाही में 90 प्रतिशत से ज्यादा के ग्रोथ रेट की तुलना में कम ही रही। अन्य ऑपरेटिंग इनकम के  अपेक्षाकृत ज्यादा होने से इसका मार्जिन 240 बेसिस प्वाइंट के साथ आगे बढ़ा।


एफएमसीजी


खाद्य पदार्थ, पर्सनल केयर, साबुन और डिटरजेंट बनानेवाले फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर ने मार्च 2008 को समाप्त हुई तिमाही में प्रोडक्ट के  दामों हुई 8 से 10 प्रतिशत की तेजी के बाद बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हिन्दुस्तान यूनिलीवर नेस्ले ग्लेक्सोस्मिक्लाइन कंज्यूमर गोदरेज कंज्यूमर और मेरिको के कंबाइन्ड नेट सेल्स में 20 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई जोकि पिछले तीन तिमाहियों में यह अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है।


एक्स्ट्राऑर्डिनरी इनकम के लिए एडजस्ट किए गए नेट इनकम में 24.4 प्रतिशत की तेजी देखी गई वाबजुद इसके कि कच्चे पदार्थों के दामों में 25 प्रतिशत की तीव्र वृध्दि हुई है।


नेस्ले


नेस्ले का रेवेन्यू ग्रोथ 26.4 प्रतिशत रहा जबकि घरेलू बिक्री में 28.8 प्रतिशत की तेजी रही और साथ ही एक्सपोर्ट रेवेन्यू में मात्र एक प्रतिशत की वृध्दि हुई। ऑपरेटिंग मार्जिन जहां 20.9 प्रतिशत से छलांग लगाकर 22.4 प्रतिशत पहुंच गया वहीं प्रॉफिट मार्जिन 13.1 प्रतिशत से बढ़कर 14.3 प्रतिशत तक आ गया।


नेट प्रॉफिट 38.6 प्रतिशत उपर था। कंपनी कर्मचारियों पर  हुए कम खर्च और अन्य क्षेत्रों में कम लागत के कारण मार्जिन में सुधार लाने में कामयाब रही। नेस्ले ने अपने अधिकतर उत्पादों के दामों में 11 प्रतिशत की वृध्दि  कर दी साथ ही कुछ उत्पाद के वजन में भी 9-17 प्रतिशत तक की कमी कर दी।


गोदरेज कंज्यूमर


चौथी तिमाही में इसकी कुल बिक्री में 13.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि साबुन के व्यापार में मंदी छाए रहने की वजह से पिछली तीन तिमाही की तुलना में यह अब तक की सबसे धीमी वृध्दि है। ऑपरेटिंग मार्जिन  जहां 300 बेसिस प्वाइंट के  सुधार के साथ 20.8 प्रतिशत पर जा टिका वहीं ऑपरेटिंग प्राफिट 32 प्रतिशत उपर चढ़ा। नेट प्राफिट भी 32 प्रतिशत ऊपर जा पहुचा। गोदरेज के हेयर कॉलर ने जहां 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की वहीं साबुन के कारोबार में 7 प्रतिशत की तेजी देखी गई।


एचयूएल


हिन्दुस्तान यूनिलीवर का राजस्व अंतिम तिमाही के दौरान 19.1 प्रतिशत रहा जोकि विशेषज्ञों के 13.1 प्रतिशत के अनुमान से कहीं बेहतर रहा। इस वृध्दि का मुख्य कारण  वॉल्यूम में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी और साथ ही कीमतों में 9 प्रतिशत तेजी रही। ऑपरेटिंग मार्जिन 70 बेसिस प्वाइंट की गिरावट के साथ 10.7 प्रतिशत पर जा ठहरा। ऐसा दसरे खर्चों की अधिकता के कारण हुआ।

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