सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रिलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL Q1 Results) का नेट प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10,644 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल (Crude Oil Price) की कीमतों में गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतों को फ्रीज किए जाने की वजह से बीती तिमाही में सरकारी तेल कंपनी का मुनाफा बढ़ा है।
बीपीसीएल का कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट (BPCL Profit) अप्रैल-जून तिमाही में 10,644.30 करोड़ रुपये रहा। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी को 6,147.94 करोड़ रुपये का घटा हुआ था।
जून तिमाही में कमाई जनवरी-मार्च तिमाही से 55 प्रतिशत अधिक
कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि जून तिमाही में उसकी कमाई जनवरी-मार्च तिमाही में हुए 6,870.47 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट से 55 प्रतिशत अधिक है।
बता दें कि पिछले साल अप्रैल की शुरुआत में बीपीसीएल और अन्य सरकारी स्वामित्व वाले फ्यूल रिटेलर्स – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने लोगों को बढ़ती अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों से राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें फ्रीज कर दी थी।
कंपनी को वित्त वर्ष 2022-23 की जून तिमाही में हुआ था भारी घाटा
ईंधन की रिटेल कीमतों को फ्रीज करने के कारण बीपीसीएल समेत इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को वित्त वर्ष 2022-23 की जून तिमाही में भारी घाटा हुआ था।
जून तिमाही में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में नरमी के बाद पेट्रोल और डीजल पर मार्जिन पॉजिटिव में आया था। हालांकि, देश में तेल की कीमतों को नहीं घाटे गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि कंपनियां पिछले साल हुए घाटे की भरपाई कर लें। तेल की कीमतों में गिरावट का मतलब है कि बीपीसीएल का ऑपरेशन के जरिये राजस्व 7 प्रतिशत घटकर 1.28 लाख करोड़ रुपये हो गया।
बीपीसीएल का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का प्रॉफिट वित्त वर्ष 2022-23 में हुए 2,892.34 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट से कई गुना ज्यादा है।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मार्च 2022 में अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतें 139 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थीं। हालांकि, इस साल मई-जून के दौरान इसकी कीमत 75 डॉलर तक आ गई।