एक भारतीय अदालत ने चीनी फोन निर्माता Xiaomi की उस याचिका को ठुकरा दिया है, जिसमें उसकी 55.51 अरब रुपये की पूंजी फ्रीज करने के खिलाफ अनुरोध किया गया था।
भारत में Xiaomi की परिसंपत्तियों को संघीय वित्तीय अपराध एजेंसी द्वारा पिछले साल फ्रीज कर दिया गया था। एजेंसी ने कंपनी पर रॉयल्टी भुगतान के तौर पर विदेशी इकाइयों को अवैध पूंजी भेजने का आरोप लगाया था।
Xiaomi के एक अधिकारी ने कर्नाटक में एक अदालत द्वारा दिए गए निर्णय के संबंध में कहा, ‘हम इस मामले का अध्ययन कर रहे हैं और लिखित आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि भारत में कंपनी का ऑपरेशन स्थानीय नियमों के अनुरूप है। कंपनी ने शुरू में कहा था कि उसका रॉयल्टी भुगतान पूरी तरह वैध था और वह प्रतिष्ठा तथा हितों की रक्षा के लिए सभी प्रयासों को बरकरार रखेगी।
Also Read: Apple Store Delhi : दिल्ली में कल खुलेगा Apple का पहला स्टोर, CEO टिम कुक करेंगे ग्राहकों का स्वागत
Xiaomi ने स्मार्टफोन के लिए भारत की पसंदीदा कंपनी की हैसियत अपनी प्रतिस्पर्धी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung) के हाथों गंवाई है, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता मोबाइल फोन के लिए दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार में नए फीचर्स पर ध्यान दे रहे हैं। चीन की कंपनियों को सीमा पर संघर्ष के बाद पैदा हुए राजनीतिक टकराव की वजह से भी 2020 से भारत में व्यवसाय करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा है।