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Opening bell के पहले पढ़े ले, क्या कह रहे एक्सपर्ट Capital goods, engineering firms के Q3 रिजल्ट पर

'उनकी राजस्व वृद्धि एक साल पहले की समान अवधि की मुकाबले 19 फीसदी बढ़ेगी और एबिटा में 21 फीसदी और कर पश्चात मुनाफा में 26 फीसदी वृद्धि की संभावना है।'

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अमृता पिल्लई   
Last Updated- January 05, 2025 | 10:04 PM IST

भारत के पूंजीगत वस्तु और इंजीनियरिंग फर्मों की वृद्धि को कच्चे माल की कम लागत और ऑर्डर बुक के दमदार निष्पादन से बल मिलेगा। विश्लेषकों का यह कहना है। उनका मानना है कि चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही) में पूंजीगत वस्तु और इंजीनियरिंग फर्मों की लाभप्रदता में स्थिरता बरकरार रहेगी, भले ही शेयर बाजार के मूल्यांकन में गिरावट आई हो।

ब्लूमबर्ग विश्लेषकों की आम सहमति है कि इस क्षेत्र की अधिकतर कंपनियों के लिए शुद्ध बिक्री, एबिटा, कर पश्चात मुनाफा (पैट) के लिए दो अंकों में वृद्धि की गुंजाइश दिख रही है।

मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने दिसंबर के नोट में कहा है, ‘हमने जिन कंपनियों का विश्लेषण किया है उनकी एबिटा मार्जिन में एक साल पहले के मुकाबले 20 आधार अंक वृद्धि की संभावना है।

वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में हमने जिन कंपनियों का विश्लेषण किया है उनकी राजस्व वृद्धि एक साल पहले की समान अवधि की मुकाबले 19 फीसदी बढ़ेगी और एबिटा में 21 फीसदी और कर पश्चात मुनाफा में 26 फीसदी वृद्धि की संभावना है।’

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि वृद्धि की उम्मीद इसलिए की जा रही है क्योंकि चयनात्मक ऑर्डर में सुधार के बावजूद दमदार ऑर्डर बुक से क्षेत्र की कंपनियों के लिए बेहतरीन राजस्व का अनुमान हो रहा है। विश्लेषकों को भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग फर्म के समेकित राजस्व में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है और मुख्य कारोबार की एबिटा मार्जिन में 20 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है, जो एक साल पहले के मुकाबले 40 आधार अंक अधिक है।

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पूंजीगत वस्तु और इंजीनियरिंग फर्मों की वित्त वर्ष 2025 में अब तक नए ऑर्डर हासिल करने की गति मिली जुली रही है। जेफरीज के विश्लेषकों के मुताबिक, ‘चुनावों के बाद नए ऑर्डर मिलने की गति मंद पड़ गई और वृद्धि एवं मूल्यांकन के प्रति निवेशकों की चिंताएं भी सामने आईं। साथ ही, वित्त वर्ष 2025 के सात महीनों में केंद्र पूंजीगत व्यय में 15 फीसदी की गिरावट आने के साथ वास्तविक (पूंजीगत व्यय) खर्च भी निराशाजनक रही।

वित्त वर्ष 2025 के पांच महीनों में 5 फीसदी की वृद्धि हासिल करने के लिए नवंबर से मार्च 2025 तक 32 फीसदी सालाना वृद्धि हासिल करने होगी।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों के बाद सरकारी बुनियादी ढांचे का खर्च बढ़ने पर ऐसा होने की उम्मीद है।

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First Published : January 5, 2025 | 10:04 PM IST