कोविड संकट के इस दौर में हवाई यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट के कारण राजस्व को हुए नुकसान से निपटने के लिए विमानन कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती और वेंडरों के साथ अनुबंध पर नए सिरे से बातचीत कर रही हैं। गो फस्र्ट ने अपने कर्मचारियों के वेतन में करीब 16 फीसदी की कटौती की है। जबकि इंडिगो भुगतान के बिना छुट्टी (एलडब्ल्यूपी) नीति को लागू कर रही है और स्पाइसजेट काम के घंटे के आधार पर भुगतान ढांचे पर अमल कर रही है।
विस्तारा ने मार्च में प्रबंधकों एवं केबिन क्रू सहित जूनियर कर्मचारियों के वेतन में कटौती को बहाल कर दिया था। फिलहाल उसने कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की है लेकिन वह अपने वेंडरों के साथ नए सिरे से बातचीत करने और कार्गो राजस्व को अधिक से अधिक बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 7 या 8 जून तक वेतन का भुगतान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हवाई यात्रियों की दैनिक संख्या फरवरी में करीब 3 लाख तक पहुंच गई थी जो घटकर मई के अंत में 40 हजार से भी कम रह गई है। कई राज्यों में लॉकडाउन संबंधी पाबंदियां लगाए जाने और हवाई यात्रा के लिए आरटीपीसीआर जांच को अनिवार्य किए जाने से विमानन कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है। यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट को देखते हुए विमानन कंपनियों को अपनी कई उड़़ानें रद्द करनी पड़ी है।
हालांकि नो-फ्रिल विमानन कंपनियों के कुल खर्च में वेतन बिल की हिस्सेदारी महज 10 से 15 फीसदी होती है लेकिन प्रबंधन खर्च को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों पर गौर कर रहा है। एक सस्ती विमानन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि करीब 40 फीसदी लोड फैक्टर के साथ विमानन कंपनियां अपनी लागत की भरपाई भी नहीं कर पाती हैं। उन्होंने कहा कि प्राप्तियां भी प्रभावित हुई हैं। विमानन कंपनी को न नफा न नुकसान की स्थिति में आने के लिए लोड फैक्टर को 65 से 70 फीसदी के दायरे में रखना आवश्यक है।
गो फस्र्ट ने पिछले साल एक व्यापक एलडब्ल्यूपी योजना लागू की थी और हाल तक उसके 700 से 800 कर्मचारी इस योजना से प्रभावित थे। हालांकि अब उसने एलडब्ल्यूपी योजना को खत्म कर दिया है लेकिन मई से कर्मचारियों के वेतन में नए सिरे से करीब 16 फीसदी की कटौती की जा रही है। हालांकि विमानन कंपनी के प्रबंधन ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के आखिर तक मांग में सुधार होगा और उसे अधिक राजस्व कमाने में मदद मिलेगी।
गो फस्र्ट के पायलट ने कहा, ‘पिछले दो साल के दौरान वेतन में यह दूसरी कटौती है। इस बार प्रबंधन ने हमारे मूल वेतन में कटौती की है। आमतौर पर पायलट के वेतन में उड़ान भत्ते की उल्लेखनीय हिस्सेदारी होती है लेकिन अब पायलट के काम के घंटों में भारी गिरावट आई है क्योंकि उड़ानों की संख्या घट गई है।’
इंडिगो ने जून से अपनी एलडब्ल्यूपी नीति को नए सिरे से लागू किया है। स्पाइसजेट के कर्मचारियों को काम के घंटों के हिसाब से भुगतान हो रही है। विमानन कंपनी ने अपने अधिकतर कर्मचारियों के लिए वेतन में 35 फीसदी के स्थगन की भी घोषणा की है। पिछले महीने भी विमानन कंपनी ने कोविड-19 के कारण कारोबार में व्यवधान का हवाला देते हुए अधिकतर कर्मचारियों के वेतन में 50 फीसदी तक का स्थगन किया था।
