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निसान में कुछ हिस्सेदारी बेच सकती है अशोक लीलैंड

Last Updated- December 07, 2022 | 6:05 AM IST

देश की दूसरी सबसे बड़ी व्यावसायिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड निसान उपक्रम में पैसे लगाने के लिए अपने शेयर बेच सकती है।


कंपनी का कहना है कि जापान की कंपनी निसान के साथ साझा उपक्रम में निवेश करने के लिए कंपनी अपने शेयरधारकों को हिस्सेदारी बेच कर पैसे इकट्ठा कर सकती है।

अशोक लीलैंड के मुख्य वित्त अधिकारी के श्रीधरन ने एक बैठक के दौरान कहा कि कंपनी इस साझा उपक्रम के लिए 600 करोड़ रुपये के अपने इक्विटी निवेश का कुछ हिस्सा शेयर बेच कर चुका सकती है। इस साझे उपक्रम के जरिये कंपनी हल्के व्यावसायिक वाहन, पावरट्रेन के  उत्पादन और तकनीकी विकास का काम करेगी।

उन्होंने कहा, ‘हम निसान साझा उपक्रम में अपनी इक्विटी भागीदारी का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा शेयरों के जरिये बेचने पर विचार कर रहे हैं, जिसके लिए हो सकता है कि हम अपने शेयरधारकों को कुछ हिस्सेदारी दे भी दें।’  अशोक लीलैंड और निसान ने 2007 में हल्के व्यावसायिक वहान बनाने के लिए लगभग 2,400 करोड़ रुपये के निवेश के साथ साझा उपक्रम बनाने पर अपनी सहमति दी थी।

निसान और अशोक लीलैंड दोनों इस साझा उपक्रम में 600-600 करोड़ रुपये निवेश करेंगे और बाकी के 1200 करोड़ रुपये ऋण के जरिये इकट्ठे किए जाने की उम्मीद है। कंपनी ने अभी तक आवश्यक निवेश के लिए पैसे कैसे इकट्ठे किए जाएंगे, इसका फैसला नहीं लिया है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह तरजीही शेयरों, राइट्स इश्यू या परिवर्तनीय बॉन्ड जारी कर फंड इकट्ठा करेगी, जिसके चलते तीन साझे उपक्रमों में अशोक लीलैंड की हिस्सेदारी कम हो जाएगी।

इस बात की भी संभावना है कि इन तीनों कंपनियों के लिए एक ही होल्डिंग कंपनी हो, क्योंकि अशोक लीलैंड तीन अलग-अलग साझा उपक्रमों को एक कंपनी के रूप में देख रही है। इस वर्ष की शुरुआत में कंपनी ने जापान की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी निसान के साथ मिल कर तीन अलग संयुक्त उपक्रम कंपनियां बनाई थीं। ये कंपनियां वाहनों, पावरट्रेनों के उत्पादन और तकनीकी विकास कार्य पर नजर रखेंगी।

इन कंपनियों में से पहली कंपनी अशोक लीलैंड निसान व्हीकल्स (एएलएनवीपीएल) में अशोक लीलैंड की 51 फीसदी हिस्सेदारी और बाकी की हिस्सेदारी निसान के पास होगी। यह कंपनी शुरुआती चरण में 1 लाख इकाइयों का उत्पादन करेगी। इसके बाद निसान अशोक लीलैंड पावरट्रेन (एनएएलपीपीएल) में निसान की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और बाकी की हिस्सेदारी अशोक लीलैंड की होगी, जबकि तीसरी कंपनी निसान अशोक लीलैंड टेक्नोलॉजीस में दोनों कंपनियों की बराबर हिस्सेदारी होगी।

बैठक में कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 3 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी, जिसे उत्पाद विकास और तकनीक उन्नयन में इस्तेमाल किया जाएगा, खास तौर पर मध्यम और भारी व्यावसायिक वाहन, ट्रक और बसों के कारोबार में।

First Published - June 18, 2008 | 11:41 PM IST

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