इन्फोसिस के सह-संस्थापक और मुख्य सलाहकार एन.आर. नारायणमूर्ति के पिछले हफ्ते दिए गए वक्तव्य पर सत्यम के कर्मचारियों की नाराजगी के बाद भी इन्फोसिस नारायणमूर्ति के समर्थन में खड़ी है।
उल्लेखनीय है कि नारायणमूर्ति का कहना था कि इन्फोसिस हैदराबाद की दागदार हो चुकी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करेगी। इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि कंपनी अब भी इस बात पर कायम है।
हालांकि इन्फोसिस ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी के बारे में कड़े शब्दों के इस्तेमाल से परहेज किया। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस. गोपालकृष्णन ने कहा कि हाल में सामने आए इस कांड से सत्यम के कर्मचारियों की योग्यता पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहिए।
उनके मुताबिक, ”सरकार सत्यम के 53,000 कर्मचारियों की नौकरी बचाए रखने के प्रयास कर रही है। हमारा मानना है कि मौजूदा स्थिति के लिए कंपनी के कर्मचारियों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए।”
हालांकि गोपालकृष्णन ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में इन्फोसिस में काम करने के लिए सत्यम के कर्मचारियों के बायोडेटा पर विचार करना उचित नहीं होगा। सत्यम के ग्राहकों को इन्फोसिस की ओर मोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर उन्होंने कहा कि यह बात सही नहीं है।
सत्यम के कई ग्राहकों ने स्वयं ही कंपनी से संपर्क किया है। लेकिन हमने इस बारे में कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई। हम उन प्रस्तावों पर ठीक उसी तरह विचार करेंगे, जैसा कि दूसरे प्रस्तावों पर होता है। नारायणमूर्ति के सत्यम के कर्मचारियों को कंपनी में जगह न देने के बयान से आईटी इंडस्ट्री में अफरातफरी मच गई थी।
गोपालकृष्णन ने बताया, ”संकट के समय उद्योग जगत को जिम्मेदारी और भरोसे का कदम उठाना चाहिए। इसे देखते हुए हमने तय किया कि सत्यम के किसी भी कर्मचारी के बायोडेटा पर विचार नहीं किया जाएगा।
ऐसा इसलिए किया गया ताकि सत्यम के भविष्य पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। उस वक्तव्य का यह मतलब कतई नहीं लगाना चाहिए कि इन्फोसिस सत्यम के कर्मचारियों की साख और योग्यता पर संदेह करती है। बतौर प्रोफेशनल सत्यम उन सभी का आदर करती है।”
गोपालकृष्णन ने बताया कि सत्यम में दुरुस्त प्रबंधन बनाने के लिए मध्य से लंबी अवधि का लक्ष्य तय करना चाहिए।
इन्फोसिस का रुख
फिलहाल सत्यम के कर्मचारियों के बायोडाटा पर विचार नहीं
मगर कंपनी के कर्मचारियों पर उंगली उठाने को गलत बताया