ऐपल इंक पहली बार प्रो और प्रो मैक्स सहित आईफोन 16 की पूरी श्रृंखला भारत में ही असेंबल करने जा रही है। कंपनी चीन के अलावा केवल भारत में ऐसा कर रही है। हालांकि भारत में उसने महंगे मॉडलों की रिटेल कीमत कम की हैं फिर भी ये फोन दुनिया के कई देशों के मुकाबले महंगे पड़ रहे हैं। इन देशों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मलेशिया के साथ थाईलैंड तक शामिल है। भारत में कीमत ज्यादा इसलिए है कि इस फोन पर सबसे अधिक कर (जीएसटी) यहीं लगता है।
फिर भी अच्छी खबर यह है कि आईफोन 16 प्रो और प्रो मैक्स जल्द ही भारत में असेंबल किए जाएंगे। इसलिए भारत में असेंबल किए गए आईफोन 16 मॉडल की कीमत आईफोन 15 मॉडल के मुकाबले कम हो गई है। अब आप केवल 1,19,900 रुपये में आईफोन 16 प्रो खरीद सकते हैं, जो आईफोन 15 प्रो की मौजूदा कीमत से 9,900 रुपये यानी करीब 7.6 फीसदी सस्ता है।
केंद्रीय बजट के बाद फोन के पुर्जों पर आयात शुल्क घटने के बावजूद दोनों में इतना अंतर है। अगर शुल्क घटने से पहले की कीमत देखें तो आईफोन 15 प्रो श्रृंखला की शुरुआती कीमत के मुकाबले 16 प्रो की शुरुआत 15,000 रुपये कम में हो रही है।
यही बात आईफोन 16 प्रो मैक्स पर भी लागू होती है। यह मॉडल अब पिछले आईफोन 15 प्रो मैक्स के मुकाबले 9,100 रुपये सस्ता हो चुका है। यह कीमत बजट के बाद की है। 15 प्रो मैक्स पिछले साल बाजार में उतारा गया था और शुरुआती कीमत के मुकाबले 16 प्रो मैक्स 15,000 रुपये सस्ता है।
मगर अच्छी खबर यहीं खत्म हो जाती है। इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है और उसका बोझ पूरी तरह ग्राहकों के कंधों पर आ गया है। यही कारण है कि कीमतें ऊंची हैं। इसके अलावा चीन से आने वाले पुर्जों पर भारी आयात शुल्क लगता है, जो 7 से 8 फीसदी है। इसे तो कंपनी काफी हद तक खुद ही उठाती है। मगर फोन पर डीलर मार्जिन भी 10 से 12 फीसदी है।
भारत में कंपनी के स्वामित्व वाले केवल दो स्टोर हैं। मगर अमेरिका जैसे बाजारों में 95 फीसदी बिक्री दूरसंचार कंपनियों के जरिये होती है जो फोन के साथ अपनी सेवा देती हैं। वहां कंपनी के स्वामित्व वाले 247 से ज्यादा स्टोर भी हैं। तो उन देशों में आईफोन सस्ता क्यों है? पहला कारण कम स्थानीय कर हैं। अमेरिका में जीएसटी की जगह मूल्यवर्द्धित कर लगता है, जो हर राज्य में अलग-अलग है। मगर यह 5 से 9 फीसदी के बीच है यानी भारत में जीएसटी से आधी!
अगर औसतन 7 फीसदी मूल्यवर्द्धित कर मानकर ऐपल इंक द्वारा घोषित मूल कीमत में जोड़ा जाए तो भी शुरुआती मॉडल की कीमत में 4,700 रुपये और टॉप एंड मॉडल में 7,000 रुपये का फर्क पड़ेगा। तब भी अमेरिका और भारत में आईफोन की कीमतों में अंतर काफी अधिक होगा।
आईफोन खरीदारों के लिए दुबई भी आकर्षक है और काफी भारतीय वहां से आईफोन खरीदते हैं। दुबई में आईफोन पर केवल 5 फीसदी कर लगता है और थाईलैंड में 7 फीसदी। मलेशिया में इसकी दर 6 फीसदी है और वियतनाम में 10 फीसदी। कनाडा में भी 5 से 15 फीसदी कर के साथ आप आईफोन खरीद सकते हैं।
यूएई (दुबई), थाईलैंड, मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों से आईफोन खरीदने का फायदा यह भी है कि लौटते समय कुछ शर्तें पूरी करने पर उन्हें चुकाया गया स्थानीय कर वापस मिल जाता है। इसलिए उन देशों में ऐपल इंक फोन का जो बुनियादी मूल्य बताती है, असल में उसी कीमत पर आपको फोन मिल भी जाता है।