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HUL के भारत प्रमुख ने आगाह किया कि उनके उत्तराधिकारी रोहित जावा को तेजी से बढ़ते कॉम्पिटिशन को नेविगेट करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी जैसे घरेलू बिजनेस टाइकून सहित दिग्गज ग्लोबल कंपनियां भारत में तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार में अपने पैर जमाने की दौड़ में शामिल हैं।
HUL के MD और CEO संजीव मेहता ने कहा कि एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भारत पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ बड़ी घरेलू कंपनियां अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए ‘बड़ी आकांक्षाएं’ पाले हुए हैं। वह कहते हैं कि डव साबुन, लिप्टन चाय और मैग्नम आइसक्रीम के निर्माताओं के लिए यह स्थिति किसी खतरे से कम नहीं है।
भारत के उपभोक्ता बाजार में निवेशकों की तेजी से बढ़ती रुचि के बीच मेहता ने पिछले महीने HUL की बागडोर रोहित जावा के हाथों में सौंप दी। घरेलू अरबपति अंबानी और अदाणी के साथ ही साथ टाटा ग्रुप जैसे समूह भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपनी पहुंच को बढ़ा रहे हैं। बता दें कि भारत पहले ही दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़ चुका है।
भारत का तेजी से बढ़ रहा उपभोक्ता बाजार ग्लोबल ब्रांडों को अपनी तरफ खींच रहा है। इन ब्रांडों में Amazon.com Inc. शामिल है, जो 2030 तक भारत में क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में 12.7 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। Apple Inc. देश में तीन नए स्टोर खोलने पर विचार कर रहा है।
दक्षिण एशियाई देश भी मैन्युफैक्चरिंग में चीन के दबदबे को चुनौती देने के लिए अपनी पैठ बना रहा है, विशेष रूप से चिप्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में। दक्षिण एशियाई देश ‘चाइना-प्लस-वन’ रणनीति के साथ अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए और अधिक फर्मों को आकर्षित करना चाह रहा है।
मेहता ने मुंबई में कंपनी के मुख्यालय में एक इंटरव्यू में किसी कंपनी का नाम लिए बिना कहा कि हमें बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि कॉम्पिटिशन लगातार बढ़ रहा है। बहुत कम बहुराष्ट्रीय कंपनियां होंगी जिनकी रणनीति में भारत टॉप पर नहीं होगा। हर बड़ी कंपनी इसे दोगुना करना चाहेगी।