महेंद्र नेरुरकर ने हाल में 4 महीने की यात्रा की थी। उन्होंने पालतू कुत्ते और परिवार के साथ सड़क मार्ग से गोवा, पुणे और मुंबई की यात्रा की। महामारी से उबरने के साथ उनकी इस यात्रा ने परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताने का मौका दिया। ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी की डिजिटल पेमेंट इकाई एमेजॉन पे के मुख्य कार्याधिकारी होने की वजह से नेरुरकर को देश के विभिन्न इलाकों में ई-भुगतान में आने वाली दिक्कतों को समझने में मदद मिली, जिससे कि वे अपनी टीम के साथ नवोन्मेषी उत्पाद बनाने की संभावना तलाश सकें।
नेरुरकर ने कहा, ‘मेरी टीम हर रोज फीडबैक लेती है।’ उन्होंने कहा, ‘अब मैं कह सकता हूं कि मैंने कारोबारी और ग्राहक से बात की और उन्होंने यह बताया। इससे आपको वास्तविक स्थिति समझने में मदद मिलती है कि समस्या कहां आ रही है।’
दरअसल एमेजन बीमा से लेकर कर्ज तक विभिन्न संभावनाओं की तलाश कर रही है, जो एमेजॉन पे के माध्यम से दी जा सकती है। कंपनी भारत में बढ़ते डिजिटल भुगतान में तेजी से हिस्सेदारी बढ़ा रही है, जिसकी प्रतिस्पर्धा वालमार्ट की फोनपे, अलीबाबा समर्थित पेटीएम और गूगल पे से है।
एमेजॉन पे की भारत के जिस बाजार पर नजर है, वह बहुत विशाल है। भारत में डिजिटल भुगतान 2023 तक पांच गुना बढ़कर 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस के मुताबिक मोबाइल से भुगतान में बढ़ोतरी इसमें अहम भूमिका निभाएगा।
नेरुरकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुल मसला सही उत्पाद पेश करने का है, जिससे नकदी इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को डिजिटल की ओर ले जाया जाए।’