प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने अपनी डिजिटल भुगतान इकाई एमेजॉन पे (इंडिया) में 225 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस वित्त पोषण से कंपनी को भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजार में अपनी पैठ बनाने और वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली फोनपे, अलीबाबा के निवेश वाली पेटीएम और गूगल की मोबाइल भुगतान सेवा गूगल पे से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।
एमेजॉन की ओर से जमा कराए गए नियामकीय दस्तावेजों के अनुसार, यह वित्त पोषण सिंगापुर की कंपनी एमेजॉन कॉरपोरेट होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और मॉरिशस की कंपनी एमेजॉन डॉट कॉम डॉट इंक लिमिटेड कंपनी के जरिये किया गया है। बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टॉफ्लर से ये दस्तावेज हासिल किए गए हैं।
एमेजॉन पे ने 1 मार्च 2021 को 10 रुपये अंकित मूल्य के 22.5 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित करते हुए यह वित्त पोषण हासिल किया। पिछले साल अक्टूबर में त्योहारी सीजन से पहले एमेजॉन ने अपनी डिजिटल भुगतान इकाई एमेजॉन पे में 700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल भुगतान कारोबार का आकार 2023 तक पांच गुना वृद्धि के साथ 1 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे मुख्य तौर पर मोबाइल भुगतान से रफ्तार मिलेगी।
देश के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) बाजार में फोनपे और गूगल पे की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। जनवरी में फोनपे ने 96.8 करोड़ लेनदेन का संचालन किया जबकि गूगल पे के मामले में यह आंकड़ा 4.6 करोड़ का रहा। लेकिन एमेजॉन पे भारतीय बाजार में तेजी से अपनी रफ्तार बढ़ा रही है क्योंकि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के कारण उपभोक्ता आवश्वक वस्तुओं और उपहारों की खरीद के लिए काफी हद तक ई-कॉमर्स पर निर्भर हो गए हैं। एमेजॉन की नजर देश के विभिन्न क्षेत्रों में एमेजॉन पे के जरिये अपनी पैठ बनाने पर है जिनमें बीमा, धन प्रबंधन, ऋण आदि शामिल हैं। जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली इस कंपनी ने भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजार में अपनी गहरी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।
एमेजॉन पे ग्राहकों को बिजली, पानी एवं गैस बिल भुगतान, डीटीएच और मोबाइल रिचार्ज जैसे कई तरह के डिजिटल लेनदेन में समर्थ बना रही है। इसने हाल ही में राइड हेलिंग फर्म उबर के साथ 40,000 उबर ऑटो (ऑटो-रिक्शा) में प्लास्टिक स्क्रीन लगाने के लिए साझेदारी की है ताकि सवारियों और ड्राइवरों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।