दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का शेयर पिछले बुधवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कारोबार के दौरान 6.4 प्रतिशत की उछाल के साथ पिछले सात महीने के उच्चतम स्तर 601.80 रुपये पर पहुंच गया था। बाद में शेयर 2.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। वहीं शुक्रवार को यह शेयर 602.50 रुपये पर बंद हुआ। इससे पहले मंगलवार को एयरटेल ने निवेशकों को एक उत्साहित करने वाले बयान में कहा था कि उसे अपनी सहायक इकाइयों में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की आवश्यक अनुमति मिल गई है। कंपनी ने अपने डिपॉजिटरीज को भेजी सूचना में कहा कि वह तत्काल प्रभाव से वह अपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा संशोधित कर इसे 100 प्रतिशत कर रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार इस सीमा में संशोधन के बाद एमएससीआई में एयरटेल का भारांश बढऩा चाहिए, जिसका असर इसके शेयर में अधिक निवेश के रूप में दिख सकता है। इससे समझने के पिछले वर्ष के आंकड़ों पर गौर किया जा सकता है जब एमएससीआई ने भारत और तेजी से उभरते बाजार (ईएम) सूचकांक में अगस्त में कंपनी का भारांश आधा कम कर दिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि निवेशकों ने शेयर से 75 करोड़ डॉलर रकम निकाल ली थी। विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 74 प्रतिशत से घटाकर 49 प्रतिशत किए जाने के बाद ऐसा देखने में आया था।
हालांकि क्रेडिट सुइस के विश्लेषकों का कहना है कि एमएससीआई भारांश में बढ़ोतरी के बाद एयरटेल शेयर में 1 अरब डॉलर से अधिक रकम आ सकती है। हालांकि यह शेयर के दाम, एमएससीआई ईएम और एमएससीआई इंडिया के मानकों के अनुसार इसकी परिसंपत्तियों सहित अन्य बातों पर निर्भर करेगा। एमएससीआई भारांश में इजाफा एक तकनीकी चीज है और निकट अवधि में शेयर को इससे लाभ पहुंच सकता है, लेकिन विश्लेषक कारोबारी माहौल में सुधार की वजह से भी भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी को लेकर काफी उत्साहित हैं।
उदाहरण के लिए कैलेंडर वर्ष 2020 में एयरटेल की बाजार राजस्व में हिस्सेदारी 200 आधार अंक बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई। इसी दौरान देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने भी अपनी बाजार हिस्सेदारी करीब 400 आधार अंक बढ़ाकर 37 प्रतिशत कर ली। एयरटेल का प्रति उपभोक्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) प्रत्येक महीने एक चौथाई बढ़ा था। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार वोडाफोन आइडिया में बदलाव और किसान आंदोलन की वजह से जियो को हुए नुकसान की वजह से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नए उपभोक्ता जोडऩे के मामले में एयरटेल आगे रह सकती है। इस ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, ‘एआरपीयू क्रमागत आधार पर 2 प्रतिशत तेजी के साथ 165 रुपये रह सकता है। अधिक डेटा इस्तेमाल करने वाले लोगों के जुडऩ से भी कंपनी को काफी मदद मिलेगी।’
इस ब्रोकरेज ने 700 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ एयरटेल को ‘बाई’ रेटिंग दी है। इसके अनुसार एयरटेल इंडिया का वायरलेस राजस्व क्रमागत आधार पर 5.3 प्रतिशत वृद्धि के साथ तीसरी तिमाही में 14,565 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। भारत में गैर-वायरलेस कारोबार से प्राप्त राजस्व भी दमदार रह सकता है। भारतीय कारोबार में परिचालन मुनाफा क्रमागत आधार पर 100 आधार अंक कमजोर होकर 44.8 प्रतिशत रह सकता है। हाालंकि सामायोजन आधार पर यह 50 आधार अंक अधिक रहने का अनुमान है। एयरटेल का अफ्रीका में कारोबार क्रमागत आधार पर 45 प्रतिशत के साथ स्थिर रह सकता है। जिन बातों पर पैनी नजर होगी उनमें एआरपीयू के आंकड़े और गैर-वायरलैस कारोबार होंगी।
सीएलएसए के विश्लेषक भी राजस्व बाजार में हिस्सेदारी अर्जित करने के बाद कंपनी के कारोबार को लेकर उत्साहित हैं। इसके अलावा 4जी उपभोक्ताओं की अच्छी खासी संख्या, एआरपीयू में वृद्धि और मजबूत बहीखाता भी एयरटेल के पक्ष में माहौल बना रहे हैं।
विश्लेषकों ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘एयरटेल के डेटा उपभोक्ताओं एवं शुल्कों में बढ़ोतरी के दम पर 2021 में इसका कारोबार मजबूत बना रहेगा।’ उन्हें वित्त वर्ष 2021-23 के दौरान एयरटेल के समेकित कर एवं ब्याज पूर्व आय में 16 प्रतिशत चक्रवृद्धि दर से बढ़ोतरी की गुंजाइश है। इस अवधि में कंपनी का एआरपीयू 163 रुपये से बढ़कर 191 हो जाएगा। बुधवार को कंपनी ने कहा था कि एमेजॉन ने भारत में एयरटेल के जरिये मोबाइल-ओनली (केवल मोबाइल पर) प्राइम वीडियो सेवा शुरू की है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी पहल से बाजार में प्रतिस्पद्र्धा बने रहने के साथ ही कंपनी को अपना उपभोक्ता आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी और एआरपीयू में भी बढ़ोतरी करते रहने में भी आसानी होगी।
पिछली कुछ तिमाहियों से समायोजित सकल राजस्व पर शीर्ष न्यायालय का निर्णय, सूचकांक में पुनर्संतुलन और शुल्कों को लेकर प्रतिस्पद्र्धा शेयर के लिए प्रमुख चुनौती रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सारी नकारात्मक बातें पीछे रह जाने के बाद अब पिछले दो महीनों में बढ़त दर्ज करने के बाद भी मूल्यांकन आकर्षक लग रहा है।
वित्त वर्ष 2022 के अनुमानों के आधार पर शेयर 8.5 गुना एंटरप्राइज वैल्यू और एबिटा अनुपात पर कारोबार कर रहा है। यह पांच वर्ष के औसत 9.1 गुना से कम है। ब्लूमबर्ग के अनुसार शेयर पर नजर रखने वाले सभी 32 विश्लेषकों ने 12 महीनों के लक्ष्य मूल्य 679 रुपये के साथ खरीदने की सलाह दी है। इससे मौजूदा 578.25 रुपये के स्तर से 17.5 प्रतिशत संभावित बढ़त का संकेत मिल रहा है।