एयर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने आज कर्मचारियों से अपने काम पर ध्यान देने का आग्रह किया और उन्हें एआई171 विमान दुर्घटना की शुरुआती रिपोर्ट के बाद की अटकलों तथा सनसनीखेज सुर्खियों से विचलित न होने के लिए आगाह भी किया।
उन्होंने कर्मचारियों से शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर निष्कर्ष निकालने से बचने को कहा। उन्होंने कहा, ‘शुरुआती रिपोर्ट में न तो कोई कारण बताया गया है और न ही कोई सुझाव दिया गया है, इसलिए मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने से बचें क्योंकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।’
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘जब तक अंतिम रिपोर्ट या कारण सामने नहीं आ जाते, तब तक निश्चित रूप से नई-नई अटकलें लगती रहेंगी और सनसनीखेज सुर्खियां बनती रहेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘फिर भी हमें अपने काम पर फोकस करना चाहिए और उन मूल्यों पर टिका रहना चाहिए जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में एयर इंडिया की बदलाव की यात्रा को बढ़ावा दिया है – ईमानदारी, उत्कृष्टता, ग्राहक पर ध्यान, नवाचार और टीम वर्क।’
उनका यह संदेश विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के आरंभिक निष्कर्ष जारी होने के दो दिन बाद आया है। एएआईबी अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त एआई171 विमान की जांच कर रहा है। इस दुर्घटना में विमान में सवार और जमीन पर मौजूद लोगों सहित 260 लोग मारे गए थे।
इस रिपोर्ट ने एयर इंडिया के कई कर्मचारियों को सकते में डाल दिया है, खास तौर पर पायलटों को। कुछ पायलटों ने रिपोर्ट की अस्पष्ट भाषा पर चिंता जताई है तो कुछ पायलटों ने अटकलों से चिंता जाहिर की, जिसमें पायलट की आत्महत्या की अटकलें भी शामिल हैं।
विल्सन ने पिछले महीने के भावनात्मक असर की बात को स्वीकार किया और इसे ‘दुखद घटना’ और ऐसा दौर बताया जिसमें ‘एक पल भी ऐसा नहीं बीता जब हमने उन यात्रियों, दोस्तों, सहकर्मियों और व्यापक समाज के बारे में न सोचा हो, जो खो गए या घायल हो गए।’
उन्होंने कहा, ‘शुरुआती रिपोर्ट के जारी होने के बाद दुनिया के साथ-साथ हमें इस घटना के बारे में अतिरिक्त जानकारी मिलनी शुरू हो गई। आश्चर्यजनक रूप से इससे अधिक स्पष्टता भी मिली और नए सवाल खड़े कर दिए।’ विल्सन ने कहा कि रिपोर्ट जारी होने के बाद मीडिया में अटकलें तेज हो गईं। उन्होंने कहा, ‘पिछले 30 दिन में हमने लगातार अटकलों, आरोपों, अफवाहों और सनसनीखेज सुर्खियों का दौर देखा है, जिनमें से कई बाद में गलत साबित हुए हैं।’
उन्होंने गलत सूचनाओं का खंडन करने के लिए एएआईबी के निष्कर्षों के प्रमुख तकनीकी बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘शुरुआती रिपोर्ट में विमान या इंजन में कोई यांत्रिक या रखरखाव संबंधी समस्या नहीं पाई गई और सभी अनिवार्य रखरखाव कार्य पूरे कर लिए गए थे। ईंधन की गुणवत्ता और टेक-ऑफ रोल में कुछ भी असामान्य नहीं था। पायलटों ने उड़ान से पहले अनिवार्य ब्रेथलाइजर परीक्षण पास कर लिया था और उनकी चिकित्सा स्थिति के बारे में भी कुछ असामान्य नहीं पाया गया था।’
विल्सन ने कर्मचारियों को याद दिलाया कि एयर इंडिया के बेड़े के प्रत्येक बोइंग 787 विमानों का दुर्घटना के तुरंत बाद डीजीसीए की निगरानी में निरीक्षण किया गया था और सभी सेवा के लिए उपयुक्त पाए गए थे।