खाद्य तेल कंपनी अदाणी विल्मर लिमिटेड (एडब्ल्यूएल) ने अपने 3,600 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए शुक्रवार को मूल्य दायरा 218-230 रुपये प्रति शेयर तय किया। अदाणी एंटरप्राइजेज ने शुक्रवार को बताया कि कंपनी का आईपीओ 27 जनवरी को आवेदन के लिए खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा। एंकर निवेशकों के लिए बोली 25 जनवरी को खुलेगी। अदाणी विल्मर दरअसल अदाणी समूह और सिंगापुर स्थित विल्मर समूह के बीच 50:50 का संयुक्त उद्यम है। फॉर्चून ब्रांड के तहत खाना पकाने के तेल और कुछ अन्य खाद्य उत्पाद बेचने वाली अदाणी विल्मर ने अपने आईपीओ का आकार घटाकर 3,600 करोड़ रुपये कर दिया है, जो पहले 4,500 करोड़ रुपये का था। आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च, कर्ज अदायगी और रणनीतिक अधिग्रहण एवं निवेश के लिए किया जाएगा क्योंकि कंपनी का इरादा देश की सबसे बड़ी फूड व एफएमसीजी कंपनी बनने का है।
इस आईपीओ के तहत कंपनी नए शेयर जारी करेगी और कोई द्वितीयक बिक्री नहीं होगी। वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अदाणी विल्मर के सीईओ व प्रबंध निदेशक ए मलिक ने कहा, कंपनी खाद्य तेल के क्षेत्र में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और खाद्य कारोबार में इजाफा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, हम तेजी से आगे बढऩे वाली फूड व एफएमसीजी कंपनियोंं मे से एक हैं और हमें आगामी वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी बनने का भरोसा है।
मलिक ने कहा, खाद्य केल उसके कुल कारोबारी वॉल्यूम में 65 फीसदी का योगदान करता है और बाकी खाद्य व औद्योगिक इसेंंसियल क्षेत्र से आता है। कंपनी का खाद्य कारोबार सालाना करीब 25 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है।
अदाणी विल्मर के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीकांत कनहरे ने कहा, इस आईपीओ का कीमत दायरा 218 रुपये से 230 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। निवेशक न्यूनतम 65 शेयर या इसके गुणक में बोली लगा सकते हैं। इस इश्यू का आधा हिस्सा पात्र संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित होगा, 35 फीसदी खुदरा निवेशकों और बाकी 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए होगा।
आईपीओ के बाद सार्वजनिक शेयरधारिता 12 फीसदी होगी जबकि बाकी 88 फीसदी दोनों प्रवर्तकों के पास बराबर-बराबर रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि आईपीओ का आकार क्यों घटा दिया गया, कनहरे ने कहा कि इस इश्यू को पूंजी ढांचे के लिहाज से ज्यादा आशावादी बनाने के लिए ऐसा किया गया है। कंपनी के विवरणिका (आरएचपी) के मुताबिक, कंपनी 1,900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च, 1,058.9 करोड़ रुपये उधारी चुकाने और 450 करोड़ रुपये रणनीतिक अधिग्रहण व निवेश में करेगी।
