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अमेरिका में फिर से निवेश बढ़ाएगा अदाणी ग्रुप! ट्रंप के फैसलों से उम्मीदें जगीं

अमेरिका में विदेशी भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (FCPA) को सस्पेंड किए जाने से को फिर से निवेश की उम्मीद जगी है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 02, 2025 | 2:17 PM IST

अदाणी ग्रुप एक बार फिर अमेरिका में अपने निवेश योजनाओं को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों में बदलाव के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति पर दोबारा विचार किया है।

पहले, अदाणी ग्रुप ने अमेरिका में 10 अरब डॉलर (लगभग 83,000 करोड़ रुपये) के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश का ऐलान किया था। हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) द्वारा अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अदाणी और सात अन्य सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के आरोप तय किए जाने के बाद इन योजनाओं को रोक दिया गया था।

अब, अमेरिका में विदेशी भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (FCPA) को सस्पेंड किए जाने से अदाणी ग्रुप को फिर से निवेश की उम्मीद जगी है। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप अब न्यूक्लियर पावर, यूटिलिटी सेक्टर और ईस्ट कोस्ट पोर्ट जैसे क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स को फंड करने पर विचार कर रहा है।

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अदाणी ग्रुप के अमेरिकी विस्तार में कानूनी अड़चनें

नवंबर 2024 में अडानी ग्रुप की अमेरिका में निवेश योजनाओं को झटका लगा जब अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अदाणी और सात अन्य लोगों के खिलाफ 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वतखोरी से जुड़े मामले में आरोप तय किए। आरोपों के मुताबिक, 2020 से 2024 के बीच अदाणी और उनके सहयोगियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के ठेके हासिल किए, जिससे 2 अरब डॉलर (करीब 16,500 करोड़ रुपये) से अधिक का मुनाफा होने की उम्मीद थी।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अदाणी और उनकी टीम ने अमेरिकी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को गुमराह किया और पूंजी जुटाने के दौरान इन गड़बड़ियों का खुलासा नहीं किया।

इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अदाणी और अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ वीनीत एस जैन का भी नाम शामिल है। आरोपों में सिक्योरिटीज और वायर फ्रॉड की साजिश और अन्य वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं।

अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के अलावा, अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी अदाणी और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक सिविल केस दायर किया है। SEC ने अदाणी ग्रुप पर सिक्योरिटीज कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं और हाल ही में इस मामले की जांच के लिए भारतीय अधिकारियों से सहयोग मांगा है।

अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने स्पष्ट किया है कि गौतम अदाणी, सागर अदाणी और वनीत जैन पर अमेरिकी फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है। कंपनी के मुताबिक, उनके खिलाफ आरोप सिक्योरिटीज फ्रॉड साजिश, वायर फ्रॉड साजिश और सिक्योरिटीज फ्रॉड से जुड़े हैं, न कि FCPA उल्लंघन से।

यह मामला अदाणी समूह के लिए नई कानूनी चुनौती लेकर आया है। इससे पहले 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर और कॉरपोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के बाजार मूल्य में भारी गिरावट आई थी और कुछ निवेशकों ने भी दूरी बना ली थी।

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ट्रंप की नीतियों से अदाणी ग्रुप को राहत की उम्मीद

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में बदलाव से अदाणी ग्रुप को अमेरिकी बाजार में नए मौके मिलने की संभावना जताई जा रही है। फाइनेंशियल टाइम्स (FT) की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 की शुरुआत में ट्रंप ने विदेशी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (FCPA) को लागू करने पर रोक लगा दी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से अदाणी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ चल रहे कानूनी मामले कमजोर हो सकते हैं।

ग्रुप से जुड़े एक करीबी सूत्र ने राहत जताते हुए कहा कि इस नीति परिवर्तन से उम्मीदें बढ़ी हैं कि अदाणी अधिकारियों पर लगे आरोप अदालत में टिक नहीं पाएंगे। हालांकि, कानूनी कार्यवाही अभी भी जारी है, लेकिन यह बदलाव अदाणी ग्रुप के लिए अमेरिकी बाजार में दोबारा कदम रखने का अनुकूल माहौल तैयार कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अब न्यूक्लियर एनर्जी, यूटिलिटीज और ईस्ट कोस्ट पर पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख सेक्टर्स में अपने प्रोजेक्ट्स पर दोबारा विचार कर रही है।

इस बीच, छह रिपब्लिकन सांसदों ने अमेरिका की अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को पत्र लिखकर जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा अदाणी और उनके भतीजे पर की जा रही जांच पर सवाल उठाए हैं। इन सांसदों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश को प्रभावित कर सकती हैं।

हालांकि, अदाणी ग्रुप के खिलाफ जस्टिस डिपार्टमेंट (DoJ) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा चल रही जांच में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप को झटके, निवेशकों का भरोसा डगमगाया

अमेरिका में आरोप तय होने से पहले ही अदाणी ग्रुप को 2023 की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के कारण भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा था। इस रिपोर्ट में शेयरों में हेरफेर के आरोप लगाए गए थे, जिससे निवेशकों का भरोसा हिल गया और ग्रुप के बाजार पूंजीकरण से अरबों डॉलर की गिरावट आई।

इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिला। कई वैश्विक कंपनियों ने अदाणी ग्रुप के साथ अपने जुड़ाव पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया। फ्रांस की ऊर्जा कंपनी टोटलएनर्जी, जो अदाणी के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में एक अहम निवेशक है, को भी इस साझेदारी से जुड़ी छवि को नुकसान पहुंचने की चिंता सताने लगी।

First Published : March 2, 2025 | 2:10 PM IST