जब भारत ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के साथ आगे बढ़ने की तैयारी में लगा है, गुरुग्राम स्थित एसीएमई ग्रुप ने कहा है कि वह अगले सात साल में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है। समूह यह निवेश अपने तमिलनाडु, कर्नाटक और ओमान स्थित संयंत्रों पर करेगा। कंपनी इन परियोजनाओं के लिए विदेशी इक्विटी भागीदारों की तलाश भी शुरू कर दी है।
सोमवार को एसीएमई समूह ने तुत्तूकुडी में 52,474 करोड़ रुपये की लागत वाली इकाई लगाने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 5,000 मेगावॉट का सौर पीवी संयंत्र, 1.5 गीगावॉट का इलेक्ट्रोलाइजर और 11 लाख टन की अमोनिया उत्पादन क्षमता शामिल है।
एसीएमई समूह के मुख्य परिचालन अधिकारी संदीप कश्यप ने कहा, ‘अगले सात वर्षों के दौरान, हम तीन परियोजनाओं – तमिलनाडु, कर्नाटक और ओमान- में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। हमें उम्मीद है कि तमिलनाडु संयंत्र का पहला चरण वर्ष 2024 तक तैयार हो जाएगा। वहीं भूमि अधिग्रहण और मंजूरी प्रक्रिया में 9 से 12 महीने का समय लग सकता है।’
कर्नाटक के मेंगलूरु में भी कंपनी ने सहायक सौर विद्युत संयंत्र के साथ साथ 52,000 करोड़ रुपये के निवेश से 12 लाख टन सालाना क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन एवं अमोनिया संयंत्र लगाने की घोषणा की थी। ओमान में, कंपनी समान इकाइयों पर करीब 5 अरब डॉलर का निवेश करेगी। दो भारतीय परियोजनाओं के लिए, कंपनी इक्विटी जुटाने और भागीदारों की तलाश के लिए बातचीत पहले से ही कर रही है। ओमान परियोजना के लिए, एसीएमई ने नॉर्वे की स्कैटिक के साथ 50-50 प्रतिशत भागीदारी वाला संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए समझौता किया है।