सरकार ने वाहनों और वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI-Auto) के तहत हाइड्रोजन फ्यूल सेल चालित पांच वाहन कंपनियों को मंजूरी प्रदान की है।
भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है। मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा है कि जिन वाहन विनिर्माताओं को अंतिम मंजूरी मिली है, उनमें अशोक लीलैंड, आयशर मोटर्स, पिनेकल मोबिलिटी, टाटा मोटर्स और बूमा इनोवेटिव शामिल हैं।
गुर्जर ने मंगलवार को संसद को बताया ‘कई वाहन कंपनियों ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल चालित वाहनों के लिए भारत में अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने और निवेश करने में रुचि व्यक्त की है। पीएलआई ऑटो योजना के तहत अब तक पांच कंपनियों को मंजूरी दी गई है।’
ये पांच मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) भारी उद्योग मंत्रालय की चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना के 20 आवेदकों का हिस्सा हैं।
25,938 करोड़ रुपये वाली पीएलआई-ऑटो योजना के दो हिस्से हैं – चैंपियन ओईएम और कंपोनेंट चैंपियन। चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना बिक्री मूल्य संबद्ध योजना है, जो सभी खंडों के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहनों के लिए लागू है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पीएलआई-ऑटो ने पांच साल की अवधि में 42,500 करोड़ रुपये के निवेश के अनुमानित लक्ष्य के मुकाबले 74,850 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश आकर्षित किया है।