मैरिको और बजाज कंज्यूमर जैसी एफएमसीजी कंपनियों को राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आज 15 साल पुराने विवाद में फैसला सुनाया कि नारियल तेल की छोटी बोतलों को खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और इन पर पांच प्रतिशत का कर लगाया जाना चाहिए।
साथ ही अदालत ने कर विभाग की इस मांग को खारिज कर दिया कि इसे हेयर ऑयल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और इस पर 18 प्रतिशत कर लगाया जाना चाहिए। खाद्य तेल पर पांच प्रतिशत जीएसटी निर्धारित है, जबकि हेयर ऑयल पर 18 प्रतिशत कर लगाया जाता है।
अलबत्ता न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर नारियल तेल को छोटी बोतलों में पैक किया जाता है और उन पर हेयर ऑयल का लेबल लगाया जाता है, तो उसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1985 के अंतर्गत हेयर ऑयल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।