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केंद्रीय पूल में गेहूं 7 साल के कम स्तर पर, सरकार की सख्ती से कारोबारियों की बढ़ी मुश्किलें

दिल्ली के गेहूं कारोबारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से दिल्ली आने वाली गेहूं की गाड़ियों को रोका जा रहा है। जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं सस्ता बिकता है।

Last Updated- April 03, 2024 | 10:29 PM IST
Wheat Procurement: सरकार ने 2024-25 के सत्र के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 3-3.2 करोड़ टन तय किया , Wheat Procurement: Government sets wheat procurement target of 3-32 million tonnes for the 2024-25 season

केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक सात साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार इस साल बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदना चाहती है। कारोबारियों खासकर उत्तर प्रदेश के गेहूं कारोबारियों और फ्लोर मिल संचालकों को सरकारी खरीद होने तक नए गेहूं की खरीद न करने को कहा गया है।

केंद्र सरकार ने इस साल 300 से 320 लाख टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल करीब 260 लाख टन गेहूं खरीदा था। एक मार्च को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर 97 लाख टन रह गया, जो सात साल में सबसे कम है।

उत्तर प्रदेश के एक गेहूं कारोबारी ने बताया कि कुछ दिन पहले सरकारी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मौखिक रूप से कहा गया कि गेहूं की सरकारी खरीद होने तक कारोबारी व फ्लोर मिल वाले नया गेहूं नहीं खरीदें। इसके बाद 1 अप्रैल को बाकायदा उत्तर प्रदेश की मंडी समिति ने कारोबारियों को आदेश जारी कर कहा कि बिना अनुमति के नए गेहूं की खरीद किसी भी कारोबारी, किसान व एफपीओ से नहीं करेंगे। हालांकि आज इस आदेश को उक्त मंडी समिति ने वापस ले लिया है।

नए आदेश में कहा गया कि कारोबारी व फ्लोर मिल मालिक गेहूं की सरकारी खरीद में सहयोग करें। इसका इशारा यही है कि कारोबारी व फ्लोर मिल मालिक नए गेहूं की खरीद से फिलहाल परहेज करें। इन दोनों आदेश को बिज़नेस स्टैंडर्ड के इस संवाददाता ने देखा है।

दिल्ली के गेहूं कारोबारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से दिल्ली आने वाली गेहूं की गाड़ियों को रोका जा रहा है। जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं सस्ता बिकता है। इसलिए गेहूं की निजी खरीद पर उत्तर प्रदेश में ज्यादा सख्ती की जा रही है। सरकार ने पिछले सप्ताह गेहूं कारोबारियों व फ्लोर मिल संचालकों को हर शुक्रवार को स्टॉक की जानकारी सरकारी पोर्टल पर देने का आदेश दिया था।

उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में पुराना गेहूं 2,450 रुपये, जबकि नया गेहूं 2,325 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। मध्य प्रदेश ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जैन कहते हैं कि मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में गेहूं 2,350 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।

यहां गेहूं की निजी खरीद पर कोई सख्ती नहीं की जा रही है। दिल्ली के गेहूं कारोबारी महेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली की मंडियों में गेहूं की कीमत 2,525 से 2,570 रुपये प्रति क्विंटल है। सरकार का एमएसपी पर गेहूं खरीदने पर जोर होने से इसके भाव में खास गिरावट के आसार नहीं दिख रहे हैं।

कमोडिटी जानकारों का कहना है कि अगर गेहूं की निजी खरीद पर सख्ती न होती तो कारोबारियों की खरीद बढ़ने से गेहूं के दाम बढ़ सकते थे। इससे किसानों को गेहूं की अच्छी कीमत मिलती।

First Published - April 3, 2024 | 10:29 PM IST

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