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निर्यात मांग के दम पर हल्दी के भाव में आई मजबूती

Last Updated- December 27, 2022 | 4:06 PM IST
Turmeric price hike

मजबूत मांग के सहारे हल्दी की कीमतें तेज बनी हुई है। कारोबारियों का कहना है कि इस साल उत्पादन बढ़ने से नई फसल आने के बाद इसकी कीमतों में तेज गिरावट आई थी। लेकिन निर्यात मांग अच्छी रहने से बीते कुछ माह से हल्दी के भाव मजबूत बने हुए हैं। फरवरी से आने वाली नई फसल के पहले इसकी कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-22 में देश में 13.31 लाख टन हल्दी का उत्पादन होने का अनुमान है, जो साल 2020-21 के दौरान हुए 11.24 लाख टन हल्दी उत्पादन से करीब 18 फीसदी ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में हल्दी के निर्यात में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इस माह बढ़े हल्दी के दाम

एनसीडीईएक्स में एक दिसंबर को हल्दी के अप्रैल-2023 अनुबंध के भाव 7,906 पर बंद हुए थे, जो सोमवार को 8,402 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ। खबर लिखे जाने के समय आज यह दिन के उच्च स्तर 8,522 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर पहुंच गया था। इस माह हल्दी की प्रमुख मंडी इरोड में हल्दी के भाव 5,400-7,650 रुपये से बढ़कर 5,470-7,900 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। हालांकि मुनाफावसूली के कारण बीते कुछ दिनों में हल्दी के भाव 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं। इस साल जनवरी में हल्दी के भाव 10 से 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल थे।

निजामाबाद के हल्दी कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि इस साल उत्पादन ज्यादा होने से नई फसल की आवक के बाद हल्दी के दाम तेजी से गिरे थे। सितंबर महीने से त्योहारी मांग के साथ कीमतों में गिरावट थमी थी। अब निर्यात मांग से हल्दी की कीमतों में सुधार को समर्थन मिल रहा है। इस समय निजामाबाद मंडी में अच्छी गुणवत्ता की हल्दी 7,400 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। अगर निर्यात मांग मजबूत नहीं होती तो अभी भी हल्दी के दाम 7,000 रुपये से नीचे ही रहते। हल्दी की नई फसल फरवरी से आना शुरू होगी। उसके बाद हल्दी के दाम 500 रुपये प्रति क्विंटल गिर सकते हैं।

हल्दी का निर्यात 11 फीसदी बढ़ा

ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि वर्ष 2022-23 की अप्रैल अवधि में 99,569 टन हल्दी का निर्यात हो चुका है, जो वर्ष 2021-22 की समान अवधि में हल्दी के निर्यात 89,626 टन से करीब 11 फीसदी ज्यादा है। निर्यात बढ़ने से बीते दो-तीन महीने से हल्दी के दाम तेज बने हुए हैं, जबकि सितंबर से पहले हल्दी के दाम लगातार गिर रहे थे। पॉल के मुताबिक नई फसल आने तक हल्दी के भाव वर्तमान भाव से 100 से 200 रुपये घट-बढ़ के साथ एक सीमित दायरे में बने रहने की संभावना है। इंडिया इन्फोलाइन के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अनुज गुप्ता ने कहा कि हल्दी उत्पादक इलाकों में पाला पड़ना इस फसल के लिए ठीक नहीं माना जाता है। इसलिए इस माह भी हल्दी के दाम बढे हैं।

First Published - December 27, 2022 | 4:06 PM IST

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