महंगाई के चलते आसमान पर पहुंच चुका रसोई खर्च कम होने का नाम ही नहीं ले रहा।
पड़ोसी देशों में कम उत्पादन के चलते टमाटर की मांग में हुई बढ़ोतरी का असर यह है कि पिछले साल इसी समय की तुलना में टमाटर की कीमत दोगुनी हो गयी है।
कानपुर टोमैटो मर्चेंट्स एसोसियशन के सदस्य रमेश अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल इसी समय एक किलो टमाटर की कीमत करीब 12 से 15 रुपये थी। देश के उत्तरी और पूर्वी राज्यों की मंडियों में इस समय टमाटर 20 से 25 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहे हैं।
अग्रवाल की मानें तो देश की कई मंडियों में टमाटर की खुदरा कीमत 40 रुपये की सीमा के पार चली गई है। टमाटर की आसमान छूती कीमतों की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग का काफी तेज रहना है।