लगातार तीसरे साल होगी अच्छी बारिश

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:51 AM IST

मौसम विभाग ने आज कहा कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 98  फीसदी यानी ‘सामान्य’ रह सकता है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जून से शुरू होगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में 5 फीसदी कमीबेशी हो सकती है। देश में मॉनसून का दीर्घावधि औसत 88 सेंटीमीटर है। अगर बारिश इसकी 96 से 104 फीसदी के बीच रहती है तो उसे सामान्य कहा जाता है। भू विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी के लिए अच्छी खबर है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहने की संभावना है।’ मौसम विभाग ने यह भी कहा कि शुरुआती पूर्वानुमानों के मुताबिक देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बारिश सामान्रू रहने की संभावना है। पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी हिस्सों में ओडिशा, बिहार, झारखंड, उत्तरी-छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और असम आते हैं।
मगर कई विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में ‘सामान्य से कम बारिश’ हमेशा नुकसानदेह नहीं होती है। इसकी वजह यह है कि देश के इन हिस्सों में बारिश की मात्रा और दैनिक औसत बारिश अन्य क्षेत्रों से अधिक रहती है।
मौसम विभाग ने कहा कि इस साल पूरे देश में मॉनसून की बारिश सामान्य या अधिक रहने के 61  फीसदी और सामान्य से कम रहने के 39 फीसदी आसार हैं। बारिश कम रहने के केवल 14 फीसदी आसार हैं। एलपीए के 90 फीसदी से कम बारिश को अल्पवृष्टि कहा जाता है। हिंद महासागर के पश्चिमी और पूर्वी हिस्से में समुद्री सतह के तापमान में अंतर का भारतीय मॉनसून पर सीधा असर पड़ता है, लेकिन यह इस साल तटस्थ रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि मॉनसून बिगाडऩे वाले अल नीनो की आशंका इस बार बहुत कम है और ला नीना के तटस्थ रहने के आसार हैं। मॉनसून अच्छा, समय पर और समान वितरण वाला रहा तो 2021 में भी जबरदस्त कृषि उत्पादन होगा। इसका सभी क्षेत्रों पर सकारात्मक असर होगा और कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रही अर्थव्यवस्था की चिंता कुछ कम होगी।
इंडिया रेटिंग्स के देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ‘इससे (सामान्य मॉनसून से) कृषि क्षेत्र को दीर्घावधि में करीब तीन फीसदी की शानदार औसत वृद्घि हासिल करने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2019 को छोड़ दें तो कृषि क्षेत्र का सकल मूल्यवद्र्घन वित्त वर्ष 2017 से ही तीन फीसदी से अधिक रहा है।’

First Published : April 16, 2021 | 11:51 PM IST