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Pidilite Stock to Buy: बाजार में उठापटक के बीच अच्छे फंडामेंटल वाले कई दमदार शेयर कंपनियों में ग्रोथ प्लान और आउटलुक के आधार पर निवेश के लिए आकर्षक नजर आ रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने फेविकोल, डॉ. फिक्सइट और एमसील जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के शेयर पर BUY रेटिंग दी है। साथ ही करीब 23 फीसदी अपसाइड का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कंपनी अपने भविष्य के रोडमैप को लेकर विश्वास जताया है। कंपनी का कहना है कि FY26 में डबल-डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने का लक्ष्य है, जिसमें कोर कैटेगरी की ग्रोथ जीडीपी से 1–2 गुना और नई कैटेगरी की ग्रोथ 2–4 गुना रहने की उम्मीद है।
ब्रोकरेज हाउस नुवामा (Nuvama) ने पिडिलाइट इंडस्ट्रीज पर खरीदारी की सलाह बनाए रखी है। साथ ही अगले 12 महीने के नजरिए से प्रति शेयर टारगेट प्राइस ₹3785 दिया है। शुक्रवार (12 सितंबर) को शेयर 3083 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह मौजूदा भाव से स्टॉक आगे करीब 23 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दे सकता है। BSE पर शुक्रवार के कारोबार में स्टॉक ने 3106.35 रुपये का हाई और 3075 का लो बनाया। आखिर में 0.15 फीसदी की मामूली बढ़त लेकर सेटल हुआ।
ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने हाल ही में पिडिलाइट के टॉप मैनेजमेंट से मिलकर कंपनी के भविष्य के ग्रोथ प्लान और फंडामेंटल पर चर्चा की। ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी प्रबंधन के मुताबिक टाइल एडहेसिव्स सेगमेंट में अभी भी पेनिट्रेशन कम है, जिससे इसमें तेज ग्रोथ की संभावना है। पिडिलाइट का Roff ब्रांड रिटेल टाइल एडहेसिव मार्केट में लीडर है और अब मार्केट लीडरशिप की ओर बढ़ रहा है।
ब्रोकरेज का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY26) में पिडिलाइट का रेवेन्यू 10.5% और EBITDA 15.8% सालाना आधार पर बढ़ा, जो अनुमानों से बेहतर रहा। नई एमडी सुधांशु वत्स के नेतृत्व में यह पहला क्वार्टर रहा, जिसमें मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला। कंपनी EBITDA मार्जिन को 20–24% की ऊपरी सीमा पर बनाए रखने का लक्ष्य रख रही है।
पेंट्स बिजनेस में कंपनी के ब्रांड हाइशा पेंट्स का प्रदर्शन शुरुआती उम्मीदों से थोड़ा कम रहा, लेकिन यह लगातार तिमाही-दर-तिमाही और महीने-दर-महीने सुधार कर रहा है। यह पांच राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट्स के रूप में चल रहा है। कंपनी का फोकस ‘रर्बन इंडिया’ (ग्रामीण+शहरी) पर है, जहां प्रतिस्पर्धा शहरी बाजारों की तुलना में कम है। डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ाने के लिए डीलर और टिंटिंग मशीन की संख्या में इजाफा किया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी EV और सेमीकंडक्टर चिप एडहेसिव्स पर भी काम कर रही है। इसके प्रोडक्ट्स बड़े EMS प्रोवाइडर्स, कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स और EV कंपनियों द्वारा टेस्ट किए जा रहे हैं। Q1FY26 में कंपनी को एक नया बड़ा EMS अकाउंट मिला है। 2030 तक EV और चिप एडहेसिव्स के उभरते बाजार में प्रमुख कंपनी बनने का लक्ष्य है।
ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन का अनुमान है कि FY26 में 70–100 बेसिस प्वॉइंट तक प्राइसिंग ग्रोथ होगी। कंपनी बड़े पैमाने पर कीमतों में कटौती की योजना नहीं बना रही है और कीमतें जरूरत के हिसाब से तय की जाएंगी। कच्चे माल की लागत मध्यम अवधि में स्थिर रहने की उम्मीद है। VAM की कीमतें Q1FY26 में अस्थायी रूप से बढ़ी थीं लेकिन आगे यह स्थिर रहने की संभावना है। कंपनी के पास कच्चे माल की सप्लाई के लिए कई स्रोत हैं, इसलिए अमेरिकी टैरिफ्स का असर पड़ने की संभावना नहीं है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज हाउस ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)