प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels
लगातार कम हो रही सर्दी और चढ़ते पारे ने उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह से हर रोज तापमान बढ़ता जा रहा है और तेज धूप निकल रही है।
मौसम के इस अप्रत्याशित रुख को देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। गेहूं के दानों के फूलने के समय तापमान में वृद्धि का नतीजा पैदावार के साथ ही गुणवत्ता पर भी पड़ना तय है। वहीं आम की फसल पर तापमान बढ़ने के चलते खतरा मंडराने लगा है। उत्तर प्रदेश के फल-पट्टी क्षेत्र काकोरी-मलिहाबाद के बागवानों का कहना है कि बौर बढ़ने के सीजन में इस कदर पारे का चढ़ना फसल को खराब कर देगा। अचानक बढ़ने वाली गर्मी से अकेले गेहूं ही नहीं बल्कि मटर और चने की फसल को भी नुकसान की आशंका है। किसानों का कहना है कि गर्मी बढ़ने से मटर के दाने असमय ही सूख कर कड़े होने लगे हैं जिनकी कीमत नहीं मिलने वाली है।
कृषि वैज्ञानिक सुशील कुमार सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल के पकने में अभी समय है पर इस समय दाने फूलते हैं और उन्हें कम तापमान के साथ नमी की जरूरत होती है। तेज धूप और बढ़े हुए तापमान में दाने कमजोर हो जाएंगे जिससे पैदावार भी घटेगी और क्वालिटी गिरेगी। उनका कहना है कि इस बार पूरे जनवरी बारिश नहीं हुई है और फरवरी में अभी तक आसार नहीं है। गर्मी बढ़ने के चलते मटर समय से पहले ही खेतों में कड़ी होने लगी है। बीते एक सप्ताह से हरी मटर के भाव भी बाजार में गिरे हैं।
चढ़ते पारे से आम के बागवान भी हलकान हैं। उनका कहना है कि इस बार बौर अच्छी आयी थी और फसल के बढ़िया होने के आसार थे। आम के कारोबारी शबीहुल हसन का कहना है कि फरवरी की तेज गर्मी आम की बौरों को ही झुलसा देगी और इसका असर फसल पर पड़ना तय है।
मौसम विभाग का कहना है जनवरी के आखिर में पश्चिमी विक्षोभ बना पर वह उत्तर प्रदेश में कमजोर रहा। उनका कहना है कि अगले सप्ताह जरूर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है पर तापमान में बहुत ज्यादा फर्क नहीं आने वाला है। गौरतलब है कि बीते एक सप्ताह से पूरे प्रदेश में अधिकांश जिलों में दिन का तापमान 28 से 30 डिग्री पहुंच रहा है और रात का तापमान भी सामान्य से अधिक दर्ज हो रहा है।