टाटा स्टील के कच्चे इस्पात का उत्पादन वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 55 फीसदी बढ़कर 46.2 लाख टन हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कोविड-19 वैश्विक महामारी एवं देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ था। समीक्षाधीन अवधि में टाटा स्टील इंडिया की डिलिवरी सालाना आधार पर 42 फीसदी बढ़कर 41.5 लाख टन हो गई।
तिमाही के दौरान कंपनी के कच्चे इस्पात के उत्पादन में क्रमिक आधार पर 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसकी मुख्य वजह चिकित्सा उपयोग के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति रही। कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों को 47,800 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। इस्पात की डिलिवरी में भी क्रमिक आधार पर 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कुछ राज्यों द्वारा आंशिक लॉकडाउन की घोषणा किए जाने और कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस्पात खपत वाले क्षेत्रों के अस्थायी तौर पर बंद होने से डिलिवरी को झटका लगा।
इस प्रभाव से निपटने के लिए निर्यात में बढ़ोतरी की गई। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी के निर्यात में कुल बिक्री के मुकाबले 16 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में महज 11 फीसदी की वृद्धि हुई थी। कंपनी ने कहा कि जून 2021 के मध्य में लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद से ही घरेलू इस्पात बाजार में सुधार हो रहा है। टाटा स्टील यूरोप का उत्पादन सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़कर 27.3 लाख टन हो गया जबकि इस्पात की डिलिवरी में भी सालाना आधार पर 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
समीक्षाधीन अवधि में टाटा स्टील के दक्षिणपूर्व एशिया कारोबार के इस्पात उत्पादन में 49 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि इस्पात डिलिवरी में 50 फीसदी की वृद्धि हुई। टाटा स्टील इंडिया ने कहा है कि वह अपने सभी परिचालन स्थानों पर कई टीकाकरण अभियान चलाए हैं। फिलहाल उसके लगभग 82 फीसदी कर्मचारियों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है।