ग्राहकों के हितों की रक्षा और हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण की खरीद में उनके भरोसे को बढ़ाने व गुणवत्ता के आश्वासन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 6 डिजिट के शब्दों व अंकों के हॉलमार्क विशेष पहचान संख्या (एचयूआईडी) के बगैर बिकने वाले गहनों की बिक्री 1 अप्रैल, 2023 से प्रतिबंधित कर दी है।
अब तक 4 डिजिट वाले पुराने हॉलमार्क के आभूषणों की भी बिक्री की अनुमति थी और आभूषण विक्रेता 6 डिजिट के एचयूआईडी चिह्न वाले गहनों के साथ इसे भी बेच सकते थे।
हालमार्किंग की योजना बीआईएस ने सन 2000 में शुरू की थी। बहरहाल अनिवार्य हालमार्किंग देश के 288 जिलों में 23 जून, 2021 को लागू हुआ। इसे हालमार्किंग आफ गोल्ड ज्वैलरी ऐंड गोल्ड आर्टफैक्ट्स ऑर्डर के माध्यम से लागू किया गया। दूसरे चरण का अनिवार्य हालमार्किंग 1 जून, 2022 से 32 नए जिलों में लागू हुआ।
एचयूआईडी पेश किए जाने के बाद हॉलमार्क में 3 चिह्न शामिल हुए- बीआईएस लोगो, सामान की शुद्धता और 6 डिजिट का शब्दों व अंको में एचयूआईडी।
मानक प्राधिकरण ने आभूषण कारोबारियों को 4 डिजिल हॉलमार्क वाले गहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए 4 महीने का वक्त दिया था। बहरहाल आभूषण विक्रेताओं द्वारा दो तरह के हॉलमार्क वाले आभूषणों की बिक्री की वजह से आम ग्राहकों के दिमाग में भ्रम पैदा हो रहा था।
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा, ‘आभूषण विक्रेताओं का मुख्य तर्क यह था कि वह कोविड के दौरान पुराने हॉलमार्क वाले आभूषण नहीं बेच पाए थे। हमने आम राय से फैसला किया और 4 डिजिट के हॉलमार्क वाले स्टॉक को निपटाने के लिए करीब 2 साल का वक्त दिया। लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे थे। यह उचित वक्त है कि पुराने हॉलमार्क वाले गहनों की बिक्री रोक दी जाए।’
कम वक्त देने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि बीआईएस के मसले पर आभूषण विक्रेताओं सहित सभी हिस्सेदारों के साथ कई बार परामर्श किया गया। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने भी 18 जनवरी, 2023 को इस मसले पर सभी हिस्सेदारों के साथ बैठक की थी।
उन्होंने कहा कि हमने जून 2021 से बगैर एचयूआईटी वाले आभूषण बनाने को प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन पहले से मौजूद स्टॉक बेचने की अनुमति आभूषण कारोबारियों को दी गई थी। तिवारी ने कहा कि अगर पुराना स्टॉक बहुत ज्यादा होता तो कोविड के बाद इतने बड़े पैमाने पर नए आभूषणों की हालमार्किंग नहीं होती।
वित्त वर्ष 2020-21 में सिर्फ 34,647 आभूषण कारोबारी देश में पंजीकृत थे। बहरहाल अब यह संख्या बढ़कर 1,53,941 हो गई है। तिवारी ने कहा कि इस तरह से ज्यादातर आभूषण कारोबारी प्रभावित नहीं होंगे और जो प्रभावित होंगे, उन्हें नियमों का अनुपालन करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया जा चुका है।
ग्राहकों के पास पड़े हॉलमार्क वाले आभूषण वैध बने रहेंगे और उन पर बीआईएस नियम, 2018 की धारा 49 लागू होगी।
बीआईएस के मुताबिक 2021 में अनिवार्य हालमार्किंग के नियम लागू होने के बाद से 18 करोड़ से ज्यादा सोने के आभूषणों की हालमार्किंग की गई है। 2022-23 में 10.30 करोड़ गहनों की हालमार्किंग हुई। वहीं रोजाना एचयूआईटी के साथ हर दिन 2 लाख से ज्यादा गहनों की हालमार्किंग हो रही है।
जल्द ही गोल्ड बुलियन पर भी 6 डिजिट का एचयूआईडी नंबर अनिवार्य किया जाएगा। इसके पहले इस पर छूट थी और यह छूट यूके हॉलमार्किंग ऐक्ट की तर्ज पर थी। पिछले महीने बीआईएस ने सलाहकार समूह का गठिन किया था, जिसने उद्योग के प्रतिनिधियों और आभूषण कारोबारियों सहित विभिन्न हिस्सेदारों से पहले ही परामर्श शुरू कर दिया है। जल्द ही मानक प्राधिकरण गोल्ड बुलियन के लिए 6 डिजिट के एचयूआईडी अनिवार्य कर देगा।