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आयात शुल्क बढ़ाने की मांग पर आमादा हैं इस्पात कंपनियां

Last Updated- December 09, 2022 | 10:27 PM IST

सस्ते आयात का खामियाजा भुगत रही देश की बड़ी इस्पात कंपनियां सरकार से इस्पात पर 15 फीसदी आयात शुल्क लगाए जाने की मांग कर सकती हैं। मंगलवार को सरकार ने एक बैठक बुलाई है।


ऐसे में इस्पात की जानी-मानी कंपनियां मसलन सेल, टाटा, जेएसडब्ल्यू और एस्सार इस बैठक में सरकार से ज्यादा आयात कर लगाने की मांग कर सकती हैं। दरअसल उनका तर्क है कि विदेश से आयात में थोड़ी कमी आई है इसलिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी की मांग वाजिब है।

कंपनियां फिलहाल चीन और यूक्रेन जैसे देशों से सस्ते स्टील आयात से बहुत परेशान हैं क्योंकि उनके कारोबार को नुकसान हो रहा है। ऐसे में घरेलू उत्पादकों की मांग है कि आयात शुल्क में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए।

मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर की अवधि के दौरान स्टील के आयात में 14 फीसदी की कमी आई और यह घटकर 48 लाख टन हो गया। हालांकि आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सरकार शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला इतनी जल्दी नहीं ले सकती है।

इस्पात मंत्रालय ने ऊंचे आयात शुल्क और इस सेक्टर के लिए सरकार के द्वारा उठाए गए मौद्रिक उपायों के असर और नतीजों पर चर्चा करने के लिए देश की बड़ी स्टील कंपनियों मसलन सेल, टाटा स्टील, एस्सार स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और इस्पात इंडस्ट्रीज की मंगलवार को एक बैठक बुलाई है।

इसके अलावा देश की द्वितीयक उत्पादक स्टील कंपनियों मसलन उत्तम गाल्वा, भूषण स्टील और इस उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों को भी चर्चा के लिए बुलाया गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस बैठक की अध्यक्षता इस्पात सचिव पी के रस्तोगी करेंगे।

स्टील मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘इस बैठक में घरेलू क्षेत्र के मांग और आपूर्ति की समीक्षा की जाएगी। क्योंकि इस्पात उद्योग में घटती मांग और कीमतों की गिरावट से बचाने के लिए कु छ कदम उठाए जाने की जरूरत है।’

First Published - January 19, 2009 | 10:25 PM IST

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