खाद्य तेल के दामों में नरमी अभी और राहत के आसार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:42 PM IST

इंडोनेशिया द्वारा पाम तेल के निर्यात पर रोक हटाने से खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। भारत सरकार द्वारा कुछ शर्तों के साथ कच्चे सोयाबीन व सूरजमुखी तेल से आयात शुल्क हटाने के बाद अब खाद्य तेल और सस्ते हो सकते हैं। कारोबारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों पर दबाव के साथ ही घरेलू सरसों की बंपर पैदावार से भी खाद्य तेलों की कीमतों में कमी को बल मिल सकता है।
बीते दो सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे पाम तेल के दाम 1,800 डॉलर से घटकर 1,745 डॉलर, आरबीडी पामोलीन के दाम 1,760 डॉलर से घटकर 1,650 डॉलर प्रति टन और सूरजमुखी तेल के दाम मुंबई में 2,200 डॉलर से घटकर 2,100 डॉलर प्रति टन हो चुके हैं। इस दौरान देसी तेलों में सरसों तेल के थोक भाव 158 रुपये से घटकर 148 रुपये, रिफाइंड सोया तेल के दाम 162 रुपये से घटकर 153 रुपये, मूंगफली तेल के दाम 165 रुपये से घटकर 160 रूपये और सूरजमुखी तेल के दाम 195 रुपये से घटकर 188 रुपये प्रति किलो रह गए हैं।
सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑइल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कूइट) के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने बताया कि इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर रोक हटाने से खाद्य तेलों के दाम 7 से 8 रुपये किलो गिर चुके हैं। इंडोनेशिया और मलेशिया में खाद्य तेल का स्टॉक काफी बढ़ गया है। ऐसे में आगे भी इनकी कीमतों में गिरावट का रुख रहने वाला है। देसी खाद्य तेलों के दाम तो पिछले साल के बराबर आ चुके हैं। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि इंडोनेशिया के निर्यात पर रोक हटने से पहले ही इसकी खबर थी। ऐसे में रोक हटने से पहले दाम 5 फीसदी गिर चुके थे और हटने के बाद 3 फीसदी और गिरे हैं।
अब भारत सरकार ने 20 लाख टन कच्चा सोयाबीन तेल और 20 लाख टन कच्चा सूरजमुखी तेल अगले दो साल के लिए आयात शुल्क मुक्त करने की घोषणा की है। इससे उपभोक्ताओं को राहत तभी मिलेगी, जब सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निगरानी तंत्र तैयार करे और यह सुनिश्चित करे कि जो खाद्य तेल आयात शुल्क मुक्त आयात होगा, उसके दाम भी आयातकों और कारोबारियों द्वारा घटाए जाएंगे। दिल्ली खाद्य तेल संघ के सचिव हेमंत गुप्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेलों की उपलब्धता अच्छी है और घरेलू बाजार में इस साल सरसों की बंपर पैदावार हुई है।
खाद्य तेलों के दाम अंतरराष्ट्रीय कारणों से बढ़ रहे थे। अब जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम गिरने लगे हैं तो घरेलू बाजार में आगे कीमतें और गिर सकती हैं। दो सप्ताह के दौरान खाद्य तेलों के दाम 8 से 10 रुपये घट चुके हैं।

First Published : May 26, 2022 | 1:09 AM IST