डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण मंगलवार को दिन के कारोबार में रुपया 22 पैसे उछल गया और मगर कारोबार के अंत में कुछ नीचे आकर 85.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कल रुपया 85.86 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डीलरों ने कहा कि देसी शेयरों में विदेशी निवेश से भी रुपये को मदद मिली है। एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘शेयरों में निवेश हुआ और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की आस बढ़ी।’डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत गिरकर 97.30 पर आ गया। यह सूचकांक बताता है कि छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर कितना ताकतवर है। इधर ब्रेंट क्रूड की कीमतें भी कल के 69.38 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 68.78 डॉलर प्रति बैरल रह गईं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुल्क के बारे में जो पत्र भेजे, उनको बाजारों ने तवज्जो नहीं दी। ज्यादातर क्षेत्रीय शेयर बाजार और मुद्राएं मंगलवार को चढ़ गईं। अमेरिका ने 14 व्यापारिक साझेदारों को इस साल 1 अगस्त से आयात शुल्क बढ़ाए जाने के पत्र भेजे थे,जिन्हें काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया गया। निवेशक मान रहे हैं कि शुल्क तत्काल नहीं बढ़ाए जा रहे हैं बल्कि यह भी बातचीत का ही एक दांव है।
एक बाजार भागीदार ने कहा, ‘बाजार इसे तत्काल आया खतरा नहीं माना। उसके बजाय वह इसे बातचीत की उम्मीद मान रहा है।’ प्रतिभागियों ने कहा कि छोटा व्यापार समझौता हुआ तो रुपये को औद दम मिल सकता है, जिससे यह 85 प्रति डॉलर तक जा सकता है।
चालू वित्त वर्ष में डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.27 प्रतिशत गिरावट आई है, जबकि चालू कैलेंडर वर्ष में इसमें 0.1 प्रतिशत गिरावट देखी गई है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘अमेरिका और भारत के बीच समझौता होने की संभावना के बीच रुपया 85.63 प्रति डॉलर से 85.81 प्रति डॉलर के बीच टहलता रहा और इसमें तेजी बनी रही। हमें उम्मीद है कि रात तक कुछ सकारात्मक प्रगति की उम्मीदों के साथ रुपया कल (बुधवार) 85.30 से 86 प्रति डॉलर के बीच रहेगा।’