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यार्न पर सरकार के फैसले से डेनिम कंपनियों को राहत

Last Updated- December 06, 2022 | 1:04 AM IST

डेनिम कपड़ा बनाने वाली कंपनियों की मुश्किलों में कमी आने वाली है। ऐसे समय में जब कच्चे माल और दूसरी वजहों से उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा है, तब डेनिम निर्माताओं को कुछ राहत मिलने की गुंजाइश नजर आ रही है।


दरअसल गुजरात सरकार पॉलिएस्टर टेक्स्टराइज्ड यार्न (पीटीवाई) पर पांच फीसदी ऐंट्री टैक्स हटाने जा रही है। गौरतलब है कि डेनिम बनाने में पीटीवाई मुख्य रूप से काम में आता है।


राज्य के उद्योग राज्य मंत्री सौरभ पटेल ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमने बाहर के लोगों को गुजरात में पीटीवाई बेचने के लिए हतोत्साहित करने के लिए यह टैक्स लगाया था, जिससे राज्य के पीटीवाई उत्पादकों को संरक्षण मिल सके।  लेकिन अभी हमे लगता है कि इसको समाप्त कर देना चाहिए।


दरअसल पीटीवाई राज्य में उतनी मात्रा में नहीं होती और डेनिम कपड़ा बनाने वाली कंपनियों को अधिकतर पीटीवाई बाहर से ही खरीदनी पड़ती थी। अब पांच फीसदी एंट्री टैक्स खत्म होने से निश्चित रूप से इन कंपनियों को राहत मिलेगी। देश में होने वाले डेनिम फैब्रिक के कुल उत्पादन का तकरीबन 50 फीसदी से अधिक गुजरात में होता है।


इस कटौती पर आर वी डेनिम्स एंड एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के आशीष शाह का कहना है कि एक किलो डेनिम बनाने में कच्चे माल पर लगभग 80 से 100 रुपये की लागत आ रही है इसके बाद पांच फीसदी का एंट्री टैक्स से लागत और अधिक बढ़ रही थी। हमने इस बाबत कई बार सरकार को लिखा था जिसके बाद अब जाकर ऐंट्री टैक्स से राहत मिली है।


शाह की कंपनी प्रतिमाह 250-300 टन की खरीद करती है। शाह के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोणार्क सिंथेटिक्स और रामा सिंथेटिक्स गुजरात से बाहर  पीटीवाई और सुपर स्पेशिएलटी यार्न बेचने वाली प्रमुख कंपनियां हैं। इनमें से भी कोणार्क सिंथेटिक्स और रामा सिंथेटिक्स की इकाईयां गुजरात के बाहर सिलवासा में चली गई हैं। अहमदाबाद की अशिमा इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक नितिन पारिख कहते हैं कि यह कदम सुपर स्पेशिएलटी धागे को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया है।

First Published - May 1, 2008 | 11:36 PM IST

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