‘किसानों के लिए नहीं बढ़ेंगे दाम’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:07 AM IST

डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की खुदरा कीमत में 58 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी के एक दिन बाद उर्वरक की दिग्गज कंपनी इफको ने आज यह कहते हुए वृद्घि की है कि नई दरें किसानों के लिए लागू नहीं होंगी।
उसने कहा कि 11.3 लख टन जटिल उर्वरकों की बिक्री अप्रैल में पुरानी दरों पर की जाएगी और नई दरें किसानों पर लागू नहीं होगी। इन उर्वरकों में सर्वाधिक बिकने वाली डीएपी भी शामिल है।
कंपनी की ओर से यह स्पष्टीकरण उसके द्वारा जारी उस पत्र के बाद आया है जिसमें 50 किलोग्राम डीएपी की बोरी की कीमत 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,900 रुपये की गई है। कीमत में यह वृद्घि अप्रैल से प्रभावी हो गई है।
इसी तरह से दूसरे जटिल उर्वरकों के दाम भी बढ़ाए गए हैं।   
कीमत वृद्घि से सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर उत्तेजना पैदा हो रही थी। आंदोलन कर रहे किसान इस वृद्घि को उत्पादन की लागत को बढ़ाने वाला एक और कदम के रूप में देख रहे थे। इससे पहले ही गत छह महीनों में डीजल के दाम तेजी से बढ़े हैं।  
किसान समूहों का कहना है कि इसका बड़ा असर आगामी खरीफ खासकर तिलहनों, दलहनों और धान की बुआई सीजन में महसूस होगा।
मध्य प्रदेश के एक किसान कार्यकर्ता अभिषेक रघुवंशी ने कहा, ‘डीएपी की कीमत वृद्घि से सोयाबीन उत्पादन की लागत में सीधे 1,400 रुपये प्रति हेक्टेयर का इजाफा होगा। सोयाबीन की एक हेक्टेयर खेती में सामान्यतया डीएपी की दो से तीन बोरी की खपत होती है। इसी तरह से अन्य फसलों के इनपुट लागत में भी इजाफा होगा।’
कीमत वृद्घि पर किसानों से मजबूत प्रतिक्रिया मिलने की आशंका में सहकारी कंपनी ने इस पर अस्थायी रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि किसानों का एक धड़ा पहले से ही आंदोलनरत है।   
इफको ने आज जारी किए गए अपने आधिकारिक बयान में कहा कि विनिर्माता संगठन होने के कारण हमें अपने संयंत्रों से नए प्रसंस्कृत उत्पादों की आपूर्ति से पहले बोरी पर दाम प्रिंट करना होता है।
उसने कहा कि पत्र में जिस कीमत वृद्घि का जिक्र किया गया है वह केवल उर्वरक की बोरी पर उल्लिखित करने के लिए संभावित कीमत है। कीमत का उल्लेख करना आवश्यक होता है। इफको ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कच्चा माल आपूर्तिकर्ताओं के साथ उसकी चर्चा जोर शोर से चल रही है जो अभी भी अनिर्णित हैं।
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह देखना होगा कि इफको और अन्य दूसरी उर्वरक कंपनियां कब तक खुदरा कीमतों में इजाफा नहीं करती हैं क्योंकि डीएपी के उत्पादन के लिए जरूरी दो अहम कच्चा माल फॉस्फोरिक अम्ल और अमोनिया की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में तेजी से वृद्घि हुई है।    
इतना ही नहीं, दो महीने से भी कम समय में आयातित डीएपी की कीमत में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह फिलहाल 440 डॉलर प्रति टन (सीएफआर) से बढ़कर 515 डॉलर प्रति टन (सीएफआर) पर पहुंच गई है।

First Published : April 9, 2021 | 12:23 AM IST