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मुमकिन है खाद्य संकट का समाधान : पवार

Last Updated- December 08, 2022 | 12:08 AM IST

खाद्यान्न समस्या के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि इसका समाधान निकल सकता है यदि पर्याप्त अनाज लगातार पैदा किए जाएं और लोगों के बीच इसका वितरण भी उचित तरीके से हो।


विश्व खाद्य दिवस के मौके पर गुरुवार को आयोजित एक सम्मेलन में कृषि और खाद्य मंत्री शरद पवार के हवाले से यह बात कही गयी। शरद पवार की अनुपस्थिति में पवार का भाषण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक मंगला राय ने पढ़ा।

पवार के मुताबिक, गांव की बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और कृषि अनुसंधान के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा पर्यावरण में हो रहे बदलाव से निपटने के लिए किसानों तक नई तकनीक की पहुंच सुनिश्चित होनी चाहिए। पवार ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र में न केवल निवेश बढ़ाया जाना चाहिए बल्कि अनुसंधान से निकले उत्पादों को किसानों तक आसानी से पहुंचाया भी जाना चाहिए।

हालांकि कृषि मंत्री ने बताया कि अब तक सरकारों ने इस दिशा में कई कदम उठाये हैं। हरित क्रांति और श्वेत क्रांति सब इन्हीं कदमों के परिणाम हैं। कृषि अनुसंधान के लिए देश में कई संस्थानों की स्थापना की गई और कृषि उत्पादों का मूल्य तय करने के लिए समर्थन मूल्य और जनवितरण की पूरी प्रणाली खड़ी की गई।

पवार की मानें तो ये सारे कदम देश के कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में मददगार हुए हैं। पहले का हमारा अनुभव खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में पर्याप्त आत्मविश्वास देता है।

First Published - October 16, 2008 | 11:11 PM IST

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