सर्वे में शामिल 89 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि केंद्र सरकार कोविड से जुड़ा उत्पाद शुल्क वापस ले, जो पेट्रोल व डीजल पर मई 2020 में लगाया गया था। साथ ही 79 प्रतिशत लोग चाहरते हैं कि उनकी राज्यसरकारें या तो वैट कम करें या तेल के दाम से जुड़े कर की जगह एक स्थिर कर का प्रावधान करें। वहीं 59 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे पेट्रोल व डीजल के बढ़े दाम की भरपाई करने के लिए खर्च में कटौती कर रहे हैं। बहरहाल 45 प्रतिशत लोगों को घर से काम करने या इन दिनों कम यात्रा करने की वजह से राहत मिली है। यह सर्वे लोकलसर्किल ने कराया है, जो कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। सर्वे भारत के 291 जिलों में कराया गया है, जिसमें राजस्थान का श्रीगंगानगर भी शामिल है, जहां प्रीमियम पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं। पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान और मेघालय ने इन ईंधनों पर कर में कटौती की है।