सोने में वैश्विक उछाल के बाद अब गिरावट का दौर शुरू हो गया है। हाजिर और वायदा बाजार में इस पीली धातु में दो दिनों से मुनाफावसूली जारी है। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि आगामी महीना यानी कि मार्च में सोने के दाम में 800-900 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ सकती है। […]
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रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अलौह धातु उत्पादन करने वाली कंपनियों की रेटिंग घटा दी है, जिससे भविष्य में इनकी फंड उगाही योजना पर असर पड़ सकता है। क्रिसिल को मध्यम अवधि में कंपनियों की आय पर दबाव रहने की उम्मीद है। क्रिसिल ने स्टरलाइट और वेदांत एल्युमीनियम की रेटिंग एए प्लस से घटाकर एए कर […]
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मुल्क में अंगूर के प्रसंस्करण की गतिविधियों का नियमन करने और शराब उत्पादन के स्तर को और सुधारने के लिए सरकार ने पुणे में इंडियन ग्रेप प्रोसेसिंग बोर्ड (आईजीपीबी) स्थापित किया है। नेशनल टी बोर्ड जैसे संस्थानों की तरह ही आईजीपीबी के पास भी शराब उत्पादन के लिए नियमन का अधिकार होगा। खाद्य प्रसंस्करण राज्य […]
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घरेलू बाजार के स्टार्च निर्माताओं को स्टार्च की मांग बढ़ने से काफी राहत मिली है। पिछले एक महीने से घरेलू बाजार में उपभोक्ताओं ने स्टार्च की मांग बढ़ा दी है इसकी वजह से बाजार धारणा में मजबूती आई है। इस उद्योग के खिलाड़ी मांग के बने रहने के प्रति बेहद आशावान हैं और उनका मानना […]
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वैश्विक कालीमिर्च बाजार इस समय 2006 के संकट के बाद सबसे गंभीर दौर से गुजर रहा है। सभी उत्पादक इलाकों में दिन प्रतिदिन कालीमिर्च की कीमतें धराशायी हो रही हैं। इस समय भारत में इसकी कीमतें 2006 के बाद गिरकर सबसे कम स्तर, 10,200 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। जून 2006 में एएसटीए […]
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जायफल और जावित्री की भारी कमी की वजह से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। ताजा फसलों की आपूर्ति में कमी आने का भी असर पड़ रहा है और बेहतरीन गुणवत्ता वाली जावित्री की कीमत 510-540 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। छिलके वाले जायफल की कीमत बढ़कर 170 रुपये प्रति किलो हो गई है […]
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इस बार मिर्च का मौसम तीन महीने देरी से शुरू होने के आसार हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि पिछले साल बुआई के दौरान देर से बारिश हुई थी। सामान्यतया जनवरी के तीसरे सप्ताह में मिर्च आनी शुरू हो जाती है। इस समय गुंटूर के बाजार में करीब 30,000 से 40,000 बोरी मिर्च प्रतिदिन […]
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होली पर भी मंदी का रंग सिर चढ़ कर बोल रहा है। रंगों का बाजार फीका नजर आ रहा है। पिछले साल के मुकाबले रंगों के कारोबार में 30 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। बिक्री में कमी को देखते हुए कई कारोबारियों ने रंग के कारोबार से अपना हाथ खींच लिया है। रंगों […]
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पांच साल पहले प्रयोग के तौर पर की गई शुरुआत इस साल होली के मौके पर उत्तर प्रदेश के बाजारों में अपना रंग दिखा रही है। हर्बल गुलाल और प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ रही है। परंपरागत किराना किरानों की दुकानों में इस बार रसायनिक रंगो से ज्यादा मांग हर्बल गुलाल और टेसू के रंगों […]
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भारतीय समुद्री बंदरगाहों पर कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे निर्यात या आयात किए जाने वाले माल में खतरनाक रेडियोएक्टिव तत्वों की पहचान की जा सके। इसी कमजोरी के चलते भारतीय बंदरगाहों से निर्यात किए जाने वाले तमाम निर्यात सौदों में अमेरिका और यूरोपीय संघ के बंदरगाहों पर 2007 से ही रेडियोएक्टिव तत्व पाए जा […]
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