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एनसीडीईएक्स बढ़ाएगा वायदा का दायरा

Last Updated- December 06, 2022 | 11:42 PM IST

चार कृषि जिंसों के वायदा पर प्रतिबंध के बाद नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) अब कपास, कॉफी, कार्बन क्रेडिट व फर्नेस ऑयल के वायदा कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रहा है।


हालांकि गत बुधवार को चार जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध से एनसीडीईएक्स के कुल कारोबार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। एक्सचेंज के अधिकारियों का कहना है कि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर इन दिनों खतरा मंडरा रहा है। लिहाजा एक्सचेंज उन चीजों के वायदा को बढ़ाना चाहता है जिन पर आने वाले समय में कोई जोखिम नहीं हो।


एनसीडीईएक्स के उत्तरी व पूर्वी इलाके के आंचलिक प्रमुख आर. रघुनाथन कहते हैं, ‘मुद्रास्फीति व जिंस के वायदा कारोबार का सीधा रिश्ता है। जब महंगाई बढ़ेगी तो कृषि जिंसों में निवेश बढ़ जाएगा और जब महंगाई घटेगी तो इसके बाजार में गिरावट आ जाएगी। यही कारण है कि चार जिंसों के वायदा पर प्रतिबंध के बाद भी एनसीडीईएक्स के कुल कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा है।’


सरकार ने गत 7 मई की रात चना, सोया तेल, आलू व रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। आंकड़ों के मुताबिक 7 मई को एनसीडीईएक्स का कुल कारोबार 1931 करोड़ रुपये का हुआ था। 8 मई को इसके कारोबार में कमी आयी और यह गिरकर 1734 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। लेकिन 9 मई को इसका कारोबार फिर से बढ़कर 1857 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।


12 मई तो यह कारोबार 2100 करोड़ रुपये के आंकड़ों को भी पार कर गया। हालांकि पाबंदी की घोषणा के बाद इस बात के कयास लगाए गए थे कि वायदा से जुड़े एक्सचेंजों के कारोबार में 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। रघुनाथन कहते हैं, ‘कीमत तेज है। निवेशक कहीं न कहीं तो निवेश करेंगे ही।’ लिहाजा अन्य महत्वपूर्ण कृषि जिंसों में निवेश बढ़ने लगा है।


जानकारी के मुताबिक गत 12 मई को सरसों के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये वायदा कारोबार किया गया। जबकि 7 मई के पहले तक इसका कारोबार 300 करोड़ से भी कम था। एनसीडीईएक्स भविष्य के लिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है।

First Published - May 15, 2008 | 12:36 AM IST

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