सहकारी संगठन नैफेड ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 25 डालर बढ़ाकर औसतन 305-310 डॉलर प्रति टन कर दिया है।
नाफेड ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढाने तथा कीमतों पर नियंत्रण के लिए यह पहल की है। नैफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘घरेलू परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम निर्यात मूल्य में 25 डॉलर प्रति टन की बढोतरी की गई है। हम निगाह रखे हुए हैं और आवश्यकता होने पर दिसंबर में निर्यात मूल्य की समीक्षा की जा सकती है।’
इससे पहले नैफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 डालर की बढोतरी नवंबर में ही की थी। अधिकारी ने कहा कि प्याज की नई फसल अक्टूबर के अंत तक आनी थी लेकिन उसमें 15 दिन की देरी हो गई। इस कारण पहले के स्टॉक पर दबाव पड़ना शुरू हो गया था।
नवंबर में न्यूनतम निर्यात मूल्य में 50 अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी के बाद ही महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्र लासलगांव में प्याज की थोक कीमत 851 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 1,021 रुपये प्रति क्विटल हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी से घरेलू उपलब्धता पर असर पड़ सकता है।
प्याज निर्यात की ‘ब्रेक एंड बल्क’ श्रेणी 305 अमेरिकी डॉलर प्रति टन है। जबकि दुबई और शारजाह के लिए कं टेनर शिपमेंट 310 अमेरिकी डॉलर के आस-पास है। नैफेड देश में प्याज निर्यात करने वाली संस्था है।
यह संस्था 12 अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ प्याज की घरेलू उपलब्धता और कीमतों को तय करती है। भारत के दक्षिणी राज्यों से प्याज का निर्यात मुख्य तौर पर श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर को किया जाता है।
इसी तरह नासिक से खाड़ी देशों को प्याज का निर्यात किया जाता है।