पिछले दो साल से किसानों की झोली भरने वाली सरसों ने इस साल उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि इस साल किसानों को सरसों की कम कीमत मिल रही है। कुछ मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे चले गए हैं। आवक के दबाव को देखते हुए आने वाले दिनों में सरसों के भाव और गिरकर सभी मंडियों में एमएसपी से नीचे जाने की आशंका है।
पिछले साल की तुलना में किसानों को सरसों के भाव करीब 1,500 रुपये क्विंटल कम मिल रहे हैं। सरसों के भाव औंधे मुंह गिरने की वजह देश में इस साल रिकॉर्ड पैदावार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में छाई सुस्ती है।
कुछ मंडियों में सरसों के भाव एमएसपी से भी नीचे
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में बडी मात्रा में सरसों पैदा होती है और इसकी पहचान पीला सोना के रूप में भी है। इसी जिले के किसान रामप्रकाश कहते हैं कि पिछले साल किसानों को शुरुआत में सरसों की कीमत 6,500 से 6,700 रुपये मिली थी, जबकि इस साल 5,000 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल रही है।
बीते दो सालों के दौरान भाव काफी अच्छे मिलने के कारण इस साल भी किसानों ने सरसों की खेती पर खूब जोर दिया। लेकिन अब भाव कम मिलने से किसानों को नुकसान उठाना पडेगा। इस साल सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल भी नहीं मिल रहे हैं।
ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बताया कि जयपुर मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाली सरसों के भाव करीब 5,600 रुपये क्विंटल चल रहे हैं। भले ही अभी भाव एमएसपी से ज्यादा हो, लेकिन बीते कुछ दिनों से बढ रही आवक को देखते हुए जल्द ही भाव एमएसपी से नीचे जा सकते हैं।
मंडियों में बढ रहा है सरसों की आवक का दबाव
पॉल ने कहा कि पिछले सप्ताह के शुरुआत में मंडियों में 2 से 2.50 लाख बोरी (40 किलो) सरसों की आवक हो रही थी। लेकिन पिछले सप्ताह ही शुक्रवार को आवक बढकर 11.50 लाख और शनिवार को 12.50 लाख बोरी हो गई। सोमवार को भी 7 लाख बोरी से ज्यादा सरसों की आवक हुई।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि आगे आवक का दबाव और बढेगा। साथ ही इस साल सरसों की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में आगे सरसों की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेलों में मंदी का माहौल है। इससे भी सरसों की कीमतों में मंदी को बल मिलेगा।
इस रबी सीजन में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन
चालू रबी सीजन में सरसों की बुआई रिकॉर्ड 98.02 लाख हेक्टेयर में हुई है जो वर्ष 2021-22 के मुकाबले 6.77 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। पिछले सीजन में भी बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर हुई थी।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी में सरसों का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि पिछले रबी सीजन में 117.46 लाख टन सरसों पैदा हुई थी।