facebookmetapixel
सरकार को घरेलू विनिर्माण को स्वार्थी ताकतों से बचाना चाहिएEditorial: विषाक्त कफ सिरप से बच्चों की मौत ने नियामकीय सतर्कता पर उठाए सवालभारतीय IT कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा मसला एक झटका, लेकिन यहां अवसर भीवित्त वर्ष 27 तक घरेलू गैस की मांग बढ़ेगी, कीमतों में आएगी कमी: राजेश मेदिरत्ता2050 तक भारत में तेल की मांग दोगुनी होकर 90 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमानभारत-चिली वार्ता तेजी से आगे बढ़ रहा, 2025 तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्यमहिंद्रा ऐंड महिंद्रा : पूरी रफ्तार से दौड़ रही बोलेरो की उत्पादन क्षमतासितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ासरकार GST 3.0 के तहत रिफंड प्रक्रिया को स्वचालित करने की तैयारी कर रही, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोरभारत प्रतिस्पर्धा आयोग ने AI में स्व-ऑडिट की वकालत की, कहा: इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगा

उपभोक्ता का बजट बिगाड़ेगा एमएसपी

Last Updated- December 09, 2022 | 11:27 PM IST

गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के सरकार के निर्णय से किसानों को लाभ होगा, लेकिन इससे आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ेगा।


रोलर फ्लोर मिल्स फेडरेशन आफ इंडिया की सचिव वीना शर्मा ने पीटीआई को बताया ”एमएसपी में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं के लिए गेहूं महंगा हो जाएगा। व्यापारी गेहूं की जमाखोरी शुरू करेंगे जिससे बाजार में गेहूं की किल्लत पैदा हो जाएगी।”

उन्होंने कहा कि अधिक एमएसपी के साथ ही 100 रुपये अतिरिक्त प्रसंस्करण लागत से गेहूं का आटा और महंगा होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2009-10 विपणन सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 1,080 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

वर्ष 2008-09 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,000 रुपये प्रति क्विंटल था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में देश भर में गेहूं की खुदरा कीमतें 11 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं। दिल्ली में भाव 13 रुपये प्रति किलो, मुम्बई में 15 रुपये प्रति किलो और चेन्नई में 18 रुपये प्रति किलोग्राम है।

एक प्रख्यात अर्थशास्त्री ने हालांकि कहा कि गेहूं के एमएसपी में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति की दर पर तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा।

क्रिसिल के प्रधान अर्थशास्त्री डी के जोशी ने कहा, ‘गेहूं का अधिक एमएसपी खाद्य कीमतों पर दबाव बनाए रखेगा। मुद्रास्फीति की दर पर इसके असर को लंबे समय में महसूस किया जाएगा।”

एआरपीएल एग्री बिजनेस सर्विसेज के प्रबंध निदेशक विजय सरदाना ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ‘आधार मूल्य बढ़ने से उपभोक्ता मूल्य निश्चित तौर पर बढ़ेगा।’

उन्होंने कहा कि अधिक एमएसपी से व्यापारियों पर कीमतें बढ़ाने का मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ेगा और उपभोक्ताओं को अधिक लागत का बोझ उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम चुनावों से पूर्व किसानों को खुश करने के लिए यह कदम उठाया है।

उन्होंने कहा कि केवल गेहूं किसानों के फायदे के लिए कदम उठाए जाने से दलहन और और तिलहन की फसलें प्रभावित होंगी और देश में पहले से ही इनकी कमी है।

सरदाना ने कहा, ‘सरकार को वैज्ञानिक तरीके से कीमतों के बारे में सोचना चाहिए था। गेहूं की फसल से लाभ अधिक होने की दशा में अधिकांश किसान इसकी खेती का रुख करेंगे।

First Published - January 29, 2009 | 9:57 PM IST

संबंधित पोस्ट