सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLC India Ltd) ने दुर्लभ खनिजों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को ध्यान में रखते हुए विदेशों में खनिज संसाधनों की खोज तेज कर दी है। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने जानकारी दी है कि माली (पश्चिम अफ्रीका) में लिथियम ब्लॉकों और रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में तांबा और कोबाल्ट की खानों के लिए प्रारंभिक स्तर पर बातचीत शुरू हो चुकी है।
चीन द्वारा हाल ही में दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच यह कदम उठाया गया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ा है। इन खनिजों का उपयोग घरेलू उपकरणों से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक में होता है।
NLC CMD ने बताया, “खनन और कोयला मंत्रालयों ने हमें स्पष्ट रूप से कहा है कि हमें आक्रामक रूप से क्रिटिकल और रेयर अर्थ मेटल ब्लॉकों की खोज करनी है। उसी के तहत हमने कुछ विदेशी खानों को लेकर शुरुआती कदम उठाए हैं।”
उन्होंने बताया कि इस माह संभावित नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (एनडीए) पर हस्ताक्षर के बाद आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी इन परियोजनाओं को अंतिम रूप देने से पहले संबंधित देशों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिरता जैसे सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक समीक्षा करेगी।
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एनएलसी इंडिया ने पांच वर्षों में 10 लाख मीट्रिक टन क्रिटिकल मिनरल के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें देश और विदेश दोनों स्रोतों से खनन किया जाएगा।
इसके अलावा, कंपनी को हाल ही में छत्तीसगढ़ के बलौद जिले में दो महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉक – सेम्हारडीह फॉस्फोराइट एंड लाइमस्टोन ब्लॉक और रायपुरा फॉस्फोराइट एंड लाइमस्टोन ब्लॉक – नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से मिले हैं। कंपनी जल्द ही इन ब्लॉकों में खोज शुरू करने को लेकर आशान्वित है।
गौरतलब है कि एनएलसी इंडिया की मुख्य गतिविधियां कोयला और लिग्नाइट खनन के साथ-साथ बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई हैं। अब कंपनी देश की खनिज आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)