Kharif Sowing 2025: खरीफ फसलों की बोआई अब जोर पकड़ रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल खरीफ फसलों की बोआई खूब हो रही है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान इस साल पिछले साल से अधिक बोई जा रही है। पिछले सप्ताह पिछड़ने वाली मक्का की बोआई भी अब पिछले साल से आगे निकल गई है। दलहन फसलों की कुल बोआई तो पिछले साल से अधिक है, लेकिन तिलहन का कुल रकबा अब पिछड़ गया है। इस साल 20 जून तक 137.84 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल के रकबा 124.88 लाख हेक्टेयर से 10 फीसदी अधिक है।
धान खरीफ सीजन की सबसे बड़ी फसल है। कृषि व किसान कल्याण विभाग के मुताबिक, 20 जून तक 13.22 लाख हेक्टेयर में धान की बोआई हो चुकी है। पिछली समान अवधि में यह रकबा 8.37 लाख टन था। इस तरह इस साल 20 जून तक धान के रकबा में 58 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इसी अवधि में कपास का रकबा 7.34 फीसदी बढ़कर 31.25 लाख टन हो गया, जबकि जूट की बोआई थोड़ी घटकर 5.46 लाख हेक्टेयर रह गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 जून को समाप्त सप्ताह तक 9.44 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि में 6.63 लाख हेक्टेयर में बोई गईं दलहन फसलों से 42 फीसदी ज्यादा हैं। दलहन फसलों में अरहर का रकबा पिछले साल 2.61 लाख हेक्टेयर से घटकर इस साल 2.48 लाख हेक्टर रह गया। इस दौरान उड़द का रकबा 0.62 लाख से बढ़कर 1.39 लाख हेक्टेयर, मूंग का 2.67 लाख से बढ़कर 4.43 लाख हेक्टेयर हो गया।
कृषि व किसान कल्याण विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 20 जून तक तिलहन फसलों की बोआई 5.38 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई, जो पिछली समान अवधि की 5.49 लाख हेक्टेयर से करीब 2 फीसदी कम है। इस दौरान सोयाबीन का रकबा 1.60 फीसदी घटकर 3.07 लाख हेक्टेयर रह गया। सूरजमुखी और तिल की बोआई बढ़ी है, जबकि अरंडी और मूंगफली का रकबा घटा है।
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अन्न श्री/मोटे अनाजों की भी इस खरीफ सीजन में खूब बोआई हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 जून तक 3.70 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जा चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा महज 2.71 लाख हेक्टेयर था। ज्वार का रकबा पिछले साल के 0.90 लाख से बढ़कर 1.51 लाख हेक्टेयर हो गया। मक्का की बोआई इस अवधि में करीब 20 फीसदी बढ़कर 12.32 लाख हैक्टेयर हो गई। रागी की बोआई ना के बराबर 0.03 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल 20 जून तक इसका रकबा 0.32 लाख हेक्टेयर था।