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कर्नाटक के लौह अयस्क निर्यात को मिली अनुमति

Last Updated- December 11, 2022 | 6:51 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुर जिलों की खदानों से लौह अयस्क के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। न्यायालय ने खननकर्ताओं को सीधी बिक्री के माध्यम से अयस्क की बिक्री की अनुमति भी दे दी है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के पीठ ने खनन फर्मों के आवेदनों पर आदेश देते हुए उनसे कहा है कि लौह अयस्क के निर्यात को लेकर भारत सरकार के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘ऐसा बताया गया है कि लगातार ई-नीलामियों में खराब प्रतिक्रिया मिल रही है। कुल मिलाकर बदलाव को देखते हुए अयस्क की बिक्री पर प्रतिबंध और कीमत पर प्रतिबंध हटाए जाने की जरूरत है। हम आवेदकों को पहले से निकाले जा चुके लौह अयस्क के स्टॉक की बिक्री की अनुमति देते हैं, जो कर्नाटक के 3 जिलों में है। अपीलकर्ताओं को सीधे संपर्क कर लौह अयस्क आवंटन करने की अनुमति दी जाती है, इसमें ई नीलामी की जरूरत नहीं है। कर्नाटक में उत्पादन होने वाले लौह अयस्क का निर्यात किया जा सकता है, लेकिन यह भारत सरकार की नीतियों के मुताबिक होगा।’
शीर्ष न्यायालय ने 2011 में कर्नाटक में लौह अयस्क खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। न्यायालय ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए और भविष्य के लिए खनिज संसाधनों को बचाने के मकसद से यह प्रतिबंध लगाया था। साथ ही न्यायालय ने निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
शुक्रवार के आदेश के बाद निर्यात पर लगी रोक खत्म हो गई है और लौह अयस्क खननकर्ताओं को निकाले गए लोहे की सीधी बिक्री की अनुमति मिल गई है।

First Published - May 21, 2022 | 12:31 AM IST

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