Gold Rate: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें फिलहाल कंसोलिडेशन फेज में हैं। ऐसा फेज आमतौर पर सोने की कीमतों में आगे तेजी की शुरुआत का संकेत देता है। एमके वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड (Emkay Wealth Management ) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि आगे सोने में तेजी के ट्रेंड की संभावना है। आने वाले समय में सोने की कीमतों के लिए दो फैक्टर बड़ा रोल निभाएंगे। इनमें यूएस फेडरल का रेट कट और डॉलर इंडेक्स का मूवमेंट अहम होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो हफ्तों में डॉलर की स्थिरता और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में तेजी ने सोने पर दबाव डाला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोने को टेक्निकल सपोर्ट $3,297 और $3,248 के लेवल पर मिल सकता है। शुक्रवार को सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गई और यह करीब $3,330 प्रति औंस तक पहुंच गई। यह लगातार तीसरा कारोबारी सत्र रहा जब सोने के दाम बढ़े, क्योंकि निवेशकों ने बढ़ते ट्रेड टेंशन और नई नीतिगत अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कनाडाई आयात पर 35% का भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त से लागू होगा। इसके अलावा उन्होंने अधिकांश अन्य व्यापारिक साझेदारों पर भी 15–20% के व्यापक टैरिफ का संकेत दिया है। इससे पहले वे ब्राजील और कुछ अहम कमोडिटीज़ पर टैरिफ की चेतावनी दे चुके हैं।
इसी के साथ, ट्रंप द्वारा फेड से 300 बेसिस प्वाइंट की भारी ब्याज दर कटौती की मांग ने बाजार में यह अटकलें तेज कर दी हैं कि केंद्रीय बैंक नरम रुख अपना सकता है, जिससे भविष्य में महंगाई बढ़ने की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, अमेरिका में मजबूत लेबर डेटा ने निकट भविष्य में दर कटौती की उम्मीदों को जिंदा रखा है, लेकिन ये आंकड़े कुल मिलाकर एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर भी इशारा करते हैं।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट का कहना है कि सोने के भाव की दिशा को लेकर बाजार की नजर इस वक्त दो प्रमुख कारकों पर है। पहला, अमेरिकी ब्याज दरें और डॉलर इंडेक्स का मूवमेंट।
एमके की रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल रिजर्व अभी सतर्क है क्योंकि अमेरिका में हाल ही में घोषित टैरिफ का रिटेल कीमतों पर क्या असर होगा, यह साफ नहीं है। यही वजह है कि सोने की कीमत को ऊंचा ले जाने वाला प्रमुख ट्रिगर अभी मौजूद नहीं है। हालांकि, मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और कम महंगाई दरों को देखते हुए इस कैलेंडर वर्ष के अंत से पहले फेड द्वारा एक या दो बार रेट कट की संभावना काफी ज्यादा है।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट का कहना है कि ब्याज दरों में संभावित कटौती के चलते डॉलर इंडेक्स में गिरावट की संभावना है, जिससे सोने को समर्थन मिलेगा। डॉलर इंडेक्स अभी 97.00 पर है, जो पिछले छह महीनों में करीब 10 फीसदी और साल की शुरुआत से लेकर अब तक भी लगभग 10 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है। यह गिरावट काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में पहले से ही एडजस्ट हो चुकी है। हालांकि अगर फेड की ओर से पॉलिसी दरों में कटौती और बाजार यील्ड्स में गिरावट होती है तो डॉलर में और कमजोरी आ सकती है, जिससे सोने को और मजबूती मिलेगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका की ओर से घोषित $4.60 ट्रिलियन के बजटीय खर्चों के चलते कर्ज लेने की जरूरत बढ़ेगी, जिससे बॉन्ड यील्ड्स पर ऊपर की ओर दबाव बन सकता है और इससे बाजार की स्थिति और जटिल हो सकती है।