साल 2025 के पहले चार महीनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान सोना 25% की शानदार बढ़त के साथ MCX और COMEX दोनों एक्सचेंजों पर नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। वहीं, चांदी ने भी अब तक सालाना आधार पर 15% का रिटर्न दिया है। हालांकि प्रदर्शन और उतार-चढ़ाव के लिहाज से सोना काफी आगे रहा। सोने की कीमतों में यह तेजी अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर, कमजोर डॉलर और आर्थिक सुस्ती की आशंकाओं से मजबूती मिल रही है।”
ट्रंप प्रशासन की आक्रामक रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी—जिसमें चीन सहित 50 से ज्यादा वैश्विक व्यापारिक साझेदारों को निशाना बनाया गया—ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बुरी तरह झकझोर दिया है। चीनी आयात पर 145% तक का टैरिफ और उसके जवाब में चीन द्वारा 125% की जवाबी ड्यूटी ने न सिर्फ ग्लोबल ट्रेड को बाधित किया, बल्कि बाजार में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति (risk aversion) को और बढ़ा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, “टैरिफ वॉर (खासतौर पर अमेरिका और चीन के बीच) ने ग्लोबल मंदी या आर्थिक सुस्ती की आशंकाओं को फिर से जगा दिया है, जिससे सोना एक आकर्षक हेजिंग विकल्प बन गया है।”
अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और सेंट्रल बैंकों की खरीद से सोने की तेजी को और बल मिला है। अमेरिकी डॉलर दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले 7% से ज्यादा गिर चुका है। इसी दौरान, खासकर चीन जैसे उभरते बाजारों के सेंट्रल बैंक तेजी से गोल्ड रिजर्व जमा कर रहे हैं, जिससे कीमतों को और मजबूती मिली है। महंगाई की आशंका के बावजूद, अमेरिका के ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड्स में भी बढ़ोतरी हुई है। इसका कारण यह है कि स्टैगफ्लेशन (जहां विकास ठहर जाता है और महंगाई बढ़ती है) के डर से हेज फंड्स बॉन्ड बाजार से बाहर निकलने लगे हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटी रिसर्च) मानव मोदी ने कहा, “सोने की कीमतों ने अपनी रिकॉर्ड तेजी को जारी रखते हुए $3,300 का स्तर पार कर लिया है। कमजोर डॉलर और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने निवेशकों को एक बार फिर सुरक्षित विकल्प यानी गोल्ड की ओर मोड़ दिया है। बुलियन को कमजोर डॉलर, टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और आर्थिक सुस्ती की आशंकाओं से मजबूती मिल रही है।”
मोतीलाल ओसवाल के तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, सोना अभी भी तेजी के रुझान में बना हुआ है। MCX पर सोने के लिए प्रमुख सपोर्ट ₹91,000 प्रति 10 ग्राम पर देखा जा रहा है, जबकि रेजिस्टेंस ₹99,000 के आसपास है। वहीं, COMEX पर सोना $3,100 से $3,400 प्रति औंस के दायरे में ट्रेड कर सकता है।
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि जब तक टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता बनी रहेगी और महंगाई की चिंता ज्यादा बनी रहेगी, तब तक सोना निवेशकों के लिए एक पसंदीदा सुरक्षित विकल्प बना रहेगा। विश्लेषकों ने लिखा, “हम मीडियम टू लॉन्ग टर्म के नजरिए से गोल्ड में ‘बाय ऑन डिप्स’ की स्ट्रैटेजी बनाए हुए हैं।” यानी शॉर्ट टर्म की गिरावटों को बुलियन निवेशकों के लिए खरीद का अवसर माना जा सकता है।