facebookmetapixel
Gold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्टBihar Election Results 2025 LIVE: वोटों की गिनती जारी, रुझानों में NDA को महागठबंधन पर बढ़तStock Market Update: एनडीए को बढ़त से बाजार में रिकवरी, सेंसेक्स–निफ्टी ने संभाली गिरावट; आईटी स्टॉक्स पर दबावBihar Assembly elections 2025: राघोपुर से लेकर अलीनगर तक, इन 8 हॉट सीट पर रहेंगी सभी की नजरेंQ2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारा

लिखत-पढ़त के बिना भी होता है वायदा कारोबार

Last Updated- December 07, 2022 | 3:42 PM IST

एक डिब्बे से लाखों का वारा-न्यारा। सुनकर हैरानी हो रही होगी। लेकिन जिंस बाजार में ऐसा हो रहा है। डिब्बे से सिर्फ कारोबार ही नहीं, कारोबारियों के ठगने का काम भी किया जा रहा है।


फर्जीवाड़ा करने वाले रातोंरात डिब्बा समेत गायब हो जाते हैं। कारोबारी चाहकर भी ठगे जाने के खिलाफ पुलिस या प्रशासन से शिकायत नहीं कर पाते हैं। क्योंकि डिब्बे के इस कारोबार में सबकुछ चलता है मुंहजबानी। ठगे गए व्यापारी आपस में एक-दूसरे को तसल्ली देकर ही रह जाते है। दिल्ली के साथ-साथ दूसरे बड़े औद्योगिक शहरों में भी व्यापारियों को चूना लगाने के लिए इस प्रकार की धोखाधड़ी जारी है।

डिब्बे का खेल जिंस के वायदा कारोबार से जुड़े एक्सचेंज के नाम पर किया जा रहा है। डिब्बे का खिलाड़ी सदर या आसपास के तंग बाजार की किसी गली में छोटा सा खोखा लेकर उसमें एक डिब्बा रखता है। असल में इस डिब्बे के जरिए जिंसों के भाव के खुलने व बंद होने के साथ दिन भर की जानकारी मिलती है। इस जानकारी के लिए वह खिलाड़ी किसी कमोडिटी एक्सचेंज में तय राशि जमा करके भाव की लाइन ले लेता है और खुद को उस एक्सचेंज से जुड़ा बताता है।

ठगे गए कारोबारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इसी भाव के आधार पर बिकवाली या खरीदारी होती है। सारा कारोबार बस फोन पर होता है और लेन-देन कैश में। कारोबारियों ने बताया कि शुरू में डिब्बे के खिलाड़ी विश्वास जमाने के लिए मुनाफा कमाने वाले व्यापारियों को रकम भी दे देते हैं। जब व्यापारियों से पैसे लेने की बारी आने पर उनके पास तुरंत पहुंच जाते हैं। लेकिन जब देनदारी ज्यादा हो जाती है तो वे डिब्बा लेकर फरार हो जाते हैं।

मान्यता प्राप्त जिंस एक्सचेंज में वायदा कारोबार करने के लिए किसी भी व्यापारी को एक निश्चित रकम चेक के जरिए देनी पड़ती है। और व्यापारी को नुकसान होने पर उस राशि से पैसे काट लिए जाते हैं। जब तक राशि कायम रहती है वह कोराबारी वायदा कारोबार में हिस्सा ले सकता है।

सदर बाजार सर्राफा व्यापार संघ के प्रमुख पवन झलानी कहते हैं, ‘डिब्बे के मामले में कुछ भी लिखित नहीं होता और न ही चेक या ड्राफ्ट का इस्तेमाल होता है। इसलिए ठगे जाने पर भी कोई कारोबारी आगे आकर शिकायत दर्ज नहीं कराता।’ एमसीएक्स के अधिकारी ने बताया, ‘डिब्बे का कारोबार हो रहा है और इसके माध्यम से लोग ठगे जा रहे हैं तो यह काफी दुखद है।’

First Published - August 6, 2008 | 11:28 PM IST

संबंधित पोस्ट