देश की सीमेंट कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि यदि सरकार उन्हें उत्पाद कर में राहत देती है तो इसका लाभ जल्द से जल्द उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा।
सीमेंट उत्पादक संघ के अध्यक्ष और श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एच. एम. बांगुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समूचा सीमेंट उद्योग इस मामले में एकमत है कि यदि उसे उत्पाद कर में राहत मिलती है तो इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए।
बांगुर ने बताया कि सीमेंट कंपनियां कर में मिलने वाली राहत को अपनी जेब में रखने की तनिक भी इच्छुक नहीं है। सीमेंट कंपनियों पर चारों ओर से पड़ने वाले दबाव के मद्देनजर जानकारों का मानना है कि कंपनियां को किसी प्रकार की कर छूट मिलने से सीमेंट की कीमत में 7 से 8 फीसदी तक की कटौती की जा सकती है।
फिलहाल सीमेंट पर औसतन 550 रुपये प्रति टन का उत्पाद कर है। इसका मतलब हुआ कि 50 किलोग्राम के सीमेंट के एक पैकेट पर लगभग 30 रुपये का उत्पाद कर लग रहा है। बांगुर ने बताया कि कर राहत के बाद सीमेंट पर उत्पाद कर 300 रुपये प्रति टन से कम हो जाएगा। जाहिर है कि उपभोक्ताओं को प्रति बोरी 18 से 20 रुपये की राहत मिल सकेगी।
उधर दो बड़ी सीमेंट कंपनियों एसीसी ओर अंबुजा ने भी कहा है कि कर छूट से मिलने वाले लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा। अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक ए. एल. कपूर के मुताबिक, उत्पाद कर में राहत मिलते ही हम तत्काल प्रभाव से इसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे।
जानकारों का मानना है कि चूंकि सीमेंट पर उत्पाद कर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के हिसाब से लगाया जाता है लिहाजा सीमेंट पर लगने वाले उत्पाद कर में कटौती होनी चाहिए। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सीमेंट के उत्पाद कर में कोई कटौती नहीं होगी।
गुजरात में कीमत में कटौती
पिछले तीन सालों में पहली बार रॉलबैक का संकेत देते हुए सीमेंट कंपनियों ने सोमवार को गुजरात में प्रति बोरी 3 रुपये तक की कटौती की घोषणा की है। एक जानी-मानी सीमेंट कंपनी के अधिकारी ने बताया कि सीमेंट और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध की वजह से कंपनियों को कीमतों में कटौती करने को बाध्य होना पड़ा है। पर यह कमी केवल गुजरात में ही होगी, देश के अन्य राज्यों में कोई रॉलबैक नहीं होगा।